पूर्णिया विधानसभा चुनाव 2025 (Purnia Assembly Election 2025)
पूर्णिया विधानसभा पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. वामदल के नेता अजीत सरकार यहां के चर्चित नेता रहे. लंबे समय तक वामदल का झंडा यहां गड़ा रहा लेकिन 2000 से यह भाजपा का गढ़ बन गया. यहां पिछले 5 चुनावों में भाजपा ने ही जीत हासिल की. 2005 में दो बार हुए बिहार चुनाव के परिणाम भी इसमें शामिल हैं. पिछले चुनाव में भाजपा के विजय कुमार खेमका ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर यहां कब्जा जमाया था.
2020 पूर्णिया विधानसभा चुनाव में भी जीते विजय कुमार खेमका (Purnia Assembly Election)
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय कुमार खेमका को उम्मीदवार बनाया. 2015 में भी विजय कुमार खेमका ही चुनाव जीते थे. भाजपा ने उनपर फिर से भरोसा जताया. इस चुनाव में विजय खेमका को 97757 वोट मिले जबकि करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस की इंदु सिन्हा को 65603 वोट से दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा.
अजीत सरकार का रहा दबदबा, हत्या के बाद पत्नी जीतीं
पूर्णिया विधानसभा सीट पर 1980 से लेकर 1995 तक सीपीएम के नेता अजीत सरकार का दबदबा रहा. वो लगातार चार बार चुनाव जीते. लेकिन 1998 में उनकी हत्या हो गयी. जिसके बाद उपचुनाव इस सीट पर हुआ. इस उपचुनाव में उनकी पत्नी माधवी सरकार ने जीत दर्ज की थी और पूर्णिया की विधायकी उनके पास गयी.
2000 में खुला था भाजपा का खाता (Purnia Assembly Election)
पूर्णिया विधानसभा सीट पर वर्ष 2000 के चुनाव में भाजपा का खाता खुला. पहली बार यहां जीत मिली. राजकिशोर केसरी यहां के विधायक बने. 2005 में बिहार में दो बार चुनाव कराना पड़ा था. दोनों बार भाजपा ने राज किशोर केसरी को टिकट थमाया और उन्होंने बीजेपी की जीत का सिलसिला बरकरार रखा. 2010 में भी वो जीते. 2011 के उपचुनाव में किरण केसरी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया. उन्होंने भी जीत दर्ज की. पिछले 25 साल से इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा है.