बिहपुर विधानसभा चुनाव 2025 (Bihpur Assembly Election 2025)
बिहपुर विधानसभा भागलपुर लोकसभा क्षेत्र और भागलपुर जिला के अंतर्गत आता है. इस विधानसभा में 2 लाख 80 हजार से अधिक मतदाता हैं. जिनमें पुरुष वोटरों की संख्या 1 लाख 40 हजार से अधिक है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 39 हजार से अधिक है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां करीब 58 प्रतिशत मतदान हुआ था. पिछले कुछ चुनावों में राजद और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच आमने-सामने की टक्कर यहां हुई है.
कांग्रेस और कम्युनिष्ट पार्टी का भी गड़ा झंडा(Bihpur Assembly Election)
बिहपुर विधानसभा सीट पर 1990 से पहले हुए चुनावों में कांग्रेस और कम्युनिष्ट पार्टी का दबदबा रहा. जनसंघ के उम्मीदवार ने भी एकबार जीत दर्ज की. जबकि 2000 में हुए विधानसभा चुनाव से 2020 तक के हुए चुनावों में राजद और भाजपा के प्रत्याशी ही एकदूसरे को पटखनी देते रहे हैं. 2010 और 2020 में भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है.
राजद से बुलो मंडल ने खोला खाता(Bihpur Vidhan Sabha)
बिहपुर सीट पर वर्ष 2000 के चुनाव में राजद ने शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को प्रत्याशी बनाया और इस सीट पर अपना झंडा आरजेडी ने पहली बार गाड़ा था. बुलो मंडल 2005 में भी जीते. 2005 में दो बार चुनाव की स्थिति बिहार में बनी. दूसरी बार के चुनाव में यहां बुलो मंडल ही जीते.
2010 में भाजपा ने जीत का स्वाद पहली बार चखा(Bihpur Assembly)
2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने जीत का स्वाद चखा. भाजपा ने कुमार शैलेंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को दिलचस्प बने मुकाबले में हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार को उतारा था. कांग्रेस उम्मीदवार को 7 हजार से कुछ अधिक वोट मिले थे. जबकि भाजपा और राजद के बीच जीत-हार का अंतर करीब 600 वोट ही था.
2015 में बुलो मंडल की पत्नी मैदान में उतरी, जीत मिली
2015 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो राजद ने शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल की पत्नी वर्षा रानी को टिकट थमाया. दरअसल, बुलो मंडल 2014 में भागलपुर से सांसद चुने गए. जिसके बाद इस सीट पर वर्षा रानी उम्मीदवार बनीं और जीत हासिल करने में उन्हें सफलता मिली. वर्षा रानी ने भाजपा के कुमार शैलेंद्र को हराया था. हार-जीत का अंतर करीब 12 हजार था.
2020 में पत्नी का टिकट कटा, बुलो फिर से मैदान में उतरे, हार मिली
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक कुमार शैलेंद्र पर भरोसा जताते हुए फिर से उन्हें उम्मीदवार बनाया. बुलो मंडल लोकसभा चुनाव हार चुके थे. राजद ने बुलो मंडल को फिर से बिहपुर के चुनावी मैदान में उतारा. पत्नी का टिकट काटकर बुलो मंडल को टिकट थमाया गया. लेकिन इसबार राजद को हार का सामना करना पड़ा. कुमार शैलेंद्र ने फिर से जीत दर्ज करके इस सीट पर भाजपा का कब्जा वापस जमाया.
बुलो ने जदयू का दामन थामा, अब किसे प्रत्याशी बनाएगी आरजेडी?
बिहपुर के विधायक रहे बुलो मंडल लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले राजद का साथ छोड़कर जदयू में शामिल हो चुके हैं. इस सीट पर अब राजद की ओर से प्रत्याशी कौन बनेगा, या फिर महागठबंधन में यह सीट किसी और दल के खाते में जाएगी. यह देखना दिलचस्प होगा.
इस सीट का सामाजिक समीकरण क्या है?
बिहपुर विधानसभा भागलपुर का सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र है और खगड़िया की सीमा से सटा है. गंगा और कोसी नदी के बीच में बसे इस विधानसभा में किसानों की संख्या अधिक है. केला, मक्का, लिची की खेती यहां पर्याप्त होती है. इस विधानसभा में भूमिहार वोटरों की संख्या अधिक है लेकिन यादव और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.