नोखा विधानसभा चुनाव 2025 (Nokha Assembly Election 2025)
Nokha Vidhan Sabha Chunav 2025
नोखा विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास यह दर्शाता है कि यहां की जनता समय-समय पर अपनी पसंद बदलती रही है. भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर राजद की लगातार जीत यह संकेत देती है कि बिहार की राजनीति में बदलाव की लहर चल रही है. आगामी चुनावों में इस सीट पर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
बिहार की नोखा विधानसभा सीट, जो कभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मजबूत गढ़ मानी जाती थी, अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए एक महत्वपूर्ण जीत का प्रतीक बन चुकी है. आइए जानते हैं इस सीट के चुनावी इतिहास और पिछले दो चुनावों के परिणामों के बारे में.
चुनावी इतिहास की झलक
नोखा विधानसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास विविधताओं से भरा हुआ है. 1951 में स्थापित इस सीट पर पहले चुनाव में कांग्रेस के रघुनाथ प्रसाद साह ने जीत हासिल की थी. इसके बाद, 1967 तक कांग्रेस का दबदबा रहा. 2000 से लेकर 2015 तक, भाजपा के रामेश्वर चौरसिया ने लगातार चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया.
2015 में सत्ता का पलटाव
2015 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा के किले में पहली बार सेंधमारी हुई. राजद की अनीता देवी ने भाजपा के रामेश्वर चौरसिया को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया. अनीता देवी को 72,780 वोट मिले, जबकि चौरसिया को 49,783 वोट मिले.
2020 में पुनः राजद की विजय
2020 के विधानसभा चुनाव में, अनीता देवी ने एक बार फिर जीत हासिल की. उन्होंने जदयू के नागेंद्र चंद्रवंशी को 17,672 वोटों के अंतर से हराया. इस बार कुल 15 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी.