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रघुनाथपुर विधानसभा चुनाव 2025
(Raghunathpur Vidhan Sabha Chunav 2025)
सिवान लोकसभा के अंतर्गत आने वाली महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है रघुनाथपुर. यह सीट हर चुनाव में बदलते राजनीतिक रुझानों और कड़े मुकाबलों के लिए जानी जाती है. जातीय संतुलन, स्थानीय मुद्दे और पार्टी समीकरण यहां हर बार एक नया परिणाम सामने लाते हैं.
रघुनाथपुर विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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रघुनाथपुर विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
रघुनाथपुर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 3,15,216 है. इनमें पुरुष मतदाता करीब 1,63,105, महिला मतदाता 1,52,094, और अन्य मतदाता 17 के करीब हैं. मतदान प्रतिशत 48% से 54% के बीच रहता है, हालांकि उम्मीदवारों और चुनावी गर्मी के हिसाब से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.
राजनीतिक इतिहास: भाजपा और राजद के बीच चलता रहा है मुकाबला
रघुनाथपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास मिला-जुला रहा है. 2000 के दशक में यह सीट भाजपा के कब्जे में रही, लेकिन 2015 में राजद ने इसे अपने पक्ष में कर लिया. कई बार निर्दलीय या बागी उम्मीदवारों ने भी यहां के परिणामों को प्रभावित किया है.
2010: भाजपा ने बनाई मजबूत पकड़
2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के विक्रम कुंवर ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 33,474 वोट मिले थे, जबकि सीपीआई एमएल एल के अमरनाथ यादव को 18,362 वोट मिले. यह वह दौर था जब एनडीए की लोकप्रियता अपने चरम पर थी और मोदी-नीतीश की जोड़ी की राजनीतिक पकड़ मजबूत मानी जाती थी.
2015: महागठबंधन की लहर में राजद की वापसी
2015 में राजद के हरिशंकर यादव ने इस सीट पर जोरदार वापसी की और भाजपा को करारी शिकस्त दी. हरिशंकर यादव को 61,042 वोट मिले जबकि भाजपा के मनोज कुमार सिंह को 50,420 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा. यह चुनाव बिहार में महागठबंधन की लहर का नतीजा माना गया.
2020: फिर सीट राजद के खाते में
2020 में यह सीट एक बार फिर राजद के खाते में गई. हरिशंकर यादव ने बीजेपी के मनोज कुमार सिंह को हराकर फिर से विधानसभा में वापसी की. मनोज कुमार सिंह को 49,792 वोट मिले जबकि हरिशंकर यादव को 67,757 वोट प्राप्त हुए.
जातीय समीकरण: राजपूत, यादव और दलित मतदाता बनाते हैं संतुलन
रघुनाथपुर विधानसभा में राजपूत मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक मानी जाती है, जो भाजपा के परंपरागत वोटर रहे हैं. इसके बाद यादव समुदाय है, जो राजद का कोर वोट बैंक माना जाता है. इसके अलावा दलित, कुशवाहा, मुसलमान और अति पिछड़ा वर्ग की भी निर्णायक भागीदारी रहती है.
जातीय संतुलन ही इस सीट को हर बार दिलचस्प बना देता है, क्योंकि थोड़ा सा वोट शिफ्ट होने पर परिणाम पूरी तरह बदल जाता है.
2025 की तैयारी: फिर आमने-सामने होंगे पुराने चेहरे या दिखेगा कोई नया समीकरण?
रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर 2025 में भी भाजपा और राजद के बीच कड़ा मुकाबला तय माना जा रहा है. जहां भाजपा के मनोज कुमार सिंह अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करेंगे, वहीं राजद के हरेंद्र सिंह या कोई नया चेहरा चुनौती देने के लिए सामने आ सकता है. यदि महागठबंधन में तालमेल बेहतर रहता है, तो राजद को मुस्लिम और यादव वोटों का फायदा मिल सकता है. वहीं भाजपा एनडीए की एकजुटता और अपने जातीय समीकरण पर दांव लगाएगी.
रघुनाथपुर में मुकाबला होगा कांटे का, जातीय संतुलन और जमीनी मेहनत तय करेंगे जीत
रघुनाथपुर विधानसभा हर चुनाव में यह साबित करती है कि यहां कोई भी पार्टी स्थायी विजेता नहीं है. जीत उन्हीं को मिलती है जो वर्गीय संतुलन, जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों को साध पाते हैं. 2025 में भी यहां का चुनावी घमासान देखने लायक होगा — क्या मनोज सिंह की जीत की हैट्रिक लगेगी या महागठबंधन कोई बड़ा दांव चलेगा?