अररिया विधानसभा चुनाव 2025 (Araria Assembly Election 2025)
2010 अररिया विधानसभा चुनाव: एलजेपी की जीत (Araria Assembly Election)
2010 के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के जाकिर हुसैन खान ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर यह सीट जीती थी. उन्होंने 49,532 वोट हासिल किए, जबकि भाजपा के नारायण कुमार झा को 31,471 वोट मिले. यह उस समय सीमांचल में एलजेपी की बढ़ती पकड़ का संकेत माना गया.
2015 अररिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी(Araria Assembly Election)
2015 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अबिदुर रहमान ने भारी मतों से जीत दर्ज की. उन्हें 92,667 वोट मिले, जबकि एलजेपी के अजय कुमार झा को सिर्फ 52,623 वोट ही मिल सके. यह जीत कांग्रेस के लिए सीमांचल में एक मजबूत संकेत बनी.
2020 अररिया विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का दबदबा बरकरार(Araria Assembly Election)
2020 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा.अबिदुर रहमान ने 103,054 वोट प्राप्त किये और उनको चुनौती देने वाली जदयू उम्मीदवार शगुफ्ता अज़ीम को 55,118 वोट मिला. रहमान ने अज़ीम को 47,936 वोटों से हरा दिया.
जातीय समीकरणों का असर
अररिया सीट पर लगभग 32% मुस्लिम मतदाता हैं, जिनमें कुल्हैया और शेखरा समुदाय प्रभावशाली हैं. इसके अलावा यादव, कोइरी और दलित वोट भी चुनावी परिणामों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि यहां पर गठबंधन और प्रत्याशी चयन बेहद सोच-समझकर किया जाता है.
क्या 2025 में बदल सकता है समीकरण?
अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस 2025 में भी अपनी पकड़ बनाए रख पाएगी या फिर कोई नया दल यहां पर राजनीतिक समीकरण बदलने में कामयाब होगा? भाजपा, जेडीयू और एलजेपी जैसी पार्टियां अब इस सीट पर नए सिरे से रणनीति बना रही हैं.