Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान हो रहा है. कुल 1302 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो रही है, जिनमें 12 मंत्री भी शामिल हैं. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के कुछ इलाकों में मतदाताओं की कहानी अलग है, वहां लोकतंत्र की नदी अब भी पार नहीं हुई है.
नदी के उस पार था मतदान केंद्र, नाव गायब होने से रुका सफर
अररिया जिले के रानीगंज के कालाबलुवा पंचायत के वार्ड संख्या 1, 2 और 3 के लगभग 1200 से 1500 मतदाता मतदान नहीं कर सके. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में प्राथमिक विद्यालय मौजूद है, लेकिन पोलिंग बूथ गांव के बजाय नदी के उस पार बनाया गया है.
रात में किसी ने गांव की एकमात्र नाव गायब कर दी. नतीजा यह हुआ कि सुबह से लोग किनारे खड़े होकर नदी के इस पार वोट डालने की आस में रह गए, पर नाव लौटी नहीं.
कई महिलाओं ने भी गुस्सा जताते हुए कहा कि नाव न मिलने के कारण वे अपने मताधिकार से वंचित रह गईं.
अररिया विधानसभा के बूथ संख्या 33 व रानीगंज विधानसभा के बूथ संख्या 373 व 374 पर ग्रामीणों ने नदी में पानी होने और नाव की व्यवस्था नहीं किये जाने के विरोध में किया मतदान का विरोध किया. वहीं जोकीहाट के महलगांव थाना अंतर्गत मसूरिया में AIMIM व जनसुराज के कार्यकर्ताओं के बीच नोक झोंक का मामला सामने आया.
प्रशासन ने दी सफाई ,‘दो नाव की व्यवस्था थी’
स्थिति बिगड़ने के बाद प्रशासन ने सफाई दी. रानीगंज बीडीओ रूबी कुमारी ने कहा कि मतदान के लिए दो नावें मुहैया कराई गई थीं. “नदी पार के मतदाताओं की सुविधा के लिए दो नावें दी गई थीं. अगर नाव को किसी ने छिपाया है, तो इसकी जांच कराई जाएगी,” उन्होंने बताया.
हालांकि, स्थानीय लोगों ने प्रशासन की इस व्यवस्था को ‘कागजी’ बताया. उनका कहना था कि नावों की व्यवस्था कागज पर जरूर रही होगी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और थी.
सुबह से लाइनों में मतदाता, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
वहीं राज्य के बाकी इलाकों में मतदान सुचारू रूप से जारी रहा. सुबह से ही कई जिलों में लोग लंबी कतारों में खड़े होकर मतदान कर रहे थे. चुनाव आयोग ने प्रत्येक बूथ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. केंद्रीय बलों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग के जरिए निगरानी की जा रही है.
मतदान केंद्रों पर महिलाओं और युवाओं में खासा उत्साह देखा गया। कई जगह बुजुर्गों को भी पोलिंग बूथ तक व्हीलचेयर पर पहुंचाया गया.

