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गोबिंदपुर विधानसभा चुनाव 2025
(Gobindpur Vidhan Sabha Chunav 2025)
गोबिन्दपुर विधानसभा सीट : बदलते सियासी समीकरणों का गवाह
गोबिंदपुर विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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गोबिंदपुर विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
बिहार के नवादा जिले की महत्वपूर्ण गोबिन्दपुर विधानसभा सीट हर चुनाव में सियासी तापमान को तय करने वाली सीट रही है. यहां के मतदाता हमेशा से ही समझदारी से अपना फैसला सुनाते आए हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी, लेकिन 2025 में कौन बाजी मारेगा, इसका फैसला फिर जनता के हाथ में है.
2020 : राजद के मो. कामरान की धमाकेदार जीत
2020 के चुनावों में गोबिन्दपुर में कुल 49.21% मतदान हुआ था. राजद के उम्मीदवार मो. कामरान ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की पुर्णिमा यादव को बड़े अंतर से हराया था. मो. कामरान को कुल 79,557 वोट मिले, जबकि पुर्णिमा यादव को 46,483 वोट प्राप्त हुए. मो. कामरान ने 33,074 वोटों के भारी मार्जिन से जीत हासिल की, जो इस सीट पर राजद के प्रभाव को दर्शाता है. मो. कामरान का वोट शेयर 49.21% रहा, जबकि पुर्णिमा यादव को 28.75% वोट शेयर मिला था.
2015 : कांग्रेस ने साधी थी सीट, भाजपा को दी थी मात
2015 के चुनाव में गोबिन्दपुर सीट से कांग्रेस (INC) की पुर्णिमा यादव ने बाजी मारी थी. उन्हें कुल 43,016 वोट मिले थे और उन्होंने भाजपा (BJP) की फूला देवी को 4,399 वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में पुर्णिमा यादव का वोट शेयर 31% रहा था, जबकि फूला देवी ने 38,617 वोट (27% वोट शेयर) के साथ दूसरे स्थान पर रहीं.
2010 : जदयू का दबदबा
2010 में जदयू (JD(U)) के कौशल यादव ने गोबिन्दपुर सीट पर शानदार जीत दर्ज की थी. कौशल यादव को कुल 45,589 वोट मिले थे और उन्होंने लोजपा (LJP) के प्रो. केसी प्रसाद को 20,887 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया था. कौशल यादव का वोट शेयर 46% रहा था, जबकि केसी प्रसाद को 24,702 वोट (25% वोट शेयर) मिले थे. यह चुनावी नतीजा बताता है कि उस समय जदयू का क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव था.
गोबिन्दपुर में सियासी ट्रेंड का विश्लेषण
पिछले तीन चुनावों को देखने से साफ होता है कि गोबिन्दपुर विधानसभा सीट पर कोई स्थायी सत्ता नहीं रही है. 2010 में जदयू, 2015 में कांग्रेस, 2020 में राजद ने क्रमशः जीत दर्ज की है. यह परिवर्तनशीलता बताती है कि यहां का मतदाता स्थानीय मुद्दों, प्रत्याशी की छवि और पार्टी के परफॉर्मेंस के आधार पर निर्णय लेता है, न कि केवल जातीय समीकरणों के आधार पर.
2025 : फिर बदलेगा गोबिन्दपुर का मिजाज?
2025 के चुनावों में सभी दल गोबिन्दपुर सीट को फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंकने वाले हैं.
क्या राजद अपनी पकड़ बनाए रख पाएगी?या जदयू और भाजपा जैसे दल वापसी कर नया इतिहास रचेंगे?
या फिर कोई नया चेहरा यहां की सियासत में हलचल मचाएगा?
इन सभी सवालों का जवाब जनता के वोटिंग मशीन में दर्ज होगा।