कटोरिया विधानसभा चुनाव 2025 (Katoria Assembly Election 2025)
बांका जिले की कटोरिया विधानसभा सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है. इस सीट को पिछले चुनाव में बीजेपी ने राजद से छीना था. झारखंड की सीमा से सटा कटोरिया विधानसभा आरक्षित (ST) सीट है. पिछले चार चुनाव का इतिहास देखें तो इस सीट पर किसी दल की प्रत्याशी ने लगातार वापसी नहीं की. कांग्रेस, जनसंघ, जनता पार्टी, जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी, भाजपा और आरजेडी ने भी यहां से अलग-अलग चुनावों में जीत दर्ज की.
2020 में महिलाओं के बीच महाटक्कर हुई(Katoria Assembly Election)
पिछले चुनाव यानी बिहार चुनाव 2020 में यह सीट एनडीए के अंदर भाजपा के पास गयी. बीजेपी ने निक्की हेम्ब्रम को अपना उम्मीदवार बनाया. महागठबंधन में राजद के पास यह सीट गयी. आरजेडी ने स्वीटी हेम्ब्रम को टिकट थमाया. दोनों के बीच सीधी टक्कर हुई और राजद प्रत्याशी को बीजेपी उम्मीदवार ने 6704 मतों से हराया था. पिछले चुनाव में यहां 60.84 प्रतिशत मतदान हुआ था.
2015 में राजद ने जीत दर्ज की(Katoria Vidhan Sabha)
2015 के चुनाव में राजद के टिकट पर स्वीटी हेम्ब्रम ही मैदान में उतरी थीं और जीत दर्ज की थी. आरजेडी प्रत्याशी ने तब भाजपा की निक्की हेम्ब्रम को हराया था. 10 हजार वोटों से अधिक का अंतर तब हार-जीत में हरा था. 2020 में भी यही दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हुईं और भाजपा ने राजद से ये सीट छीन ली.
2010 में भाजपा से जीते सोनेलाल, 2005 में राजद ने सीट पर जमाया था कब्जा
2010 के चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा था. बीजेपी के सोनेलाल हेम्ब्रम ने इस सीट पर कमल खिलाया था. तब राजद के सुकलाल बसेरा करीब 9 हजार वोटों के अंतर से हारे थे. वहीं 2005 के चुनाव में राजद ने भाजपा को कड़ी टक्कर में हराया था. राजद से राजकिशोर प्रसाद उर्फ पप्पू यादव जीते थे. भाजपा के मनोज यादव को हार मिली थी.
जेएमएम की राजनीति का भी दिखता है असर
कटोरिया विधानसभा झारखंड के बॉर्डर से सटा हुआ है जिसके कारण झारखंड की पार्टी जेएएमएम का प्रभाव भी संथाल आबादी वाले गांवों में दिखता है. इसबार चुनाव में सीट शेयरिंग और प्रत्याशियों के नामों के ऐलान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए इस सीट को बचाकर रख पाएगी या फिर महागठबंधन इस सीट को फिर से छीनने में कामयाब रहेगा.