नौतन विधानसभा चुनाव 2025 (Nautan Assembly Election 2025)
नौतन विधानसभा क्षेत्र में लालू प्रसाद के माई (मुस्लिम-यादव) वोटरों का दबदबा है. लेकिन, इसके बाद भी इस सीट पर उनका जादू नहीं चलता. कोइरी, रविदास और कुर्मी वोटर यहां अपना प्रतिनिधि चुनते हैं.
बिहार में चुनावी बयार बहने लगी है. राजनीतिक दल भी अपने उम्मीदवारों के नामों लेकर विचार विमर्श शुरू कर दिया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता केदार पांडेय की कर्मभूमि नौतन विधानसभा सीट एक बार फिर से चर्चा में है. 1951 में हुए पहले चुनाव से लेकर साल 1985 तक इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. लेकिन वर्ष 2015 में इस सीट पर पहली बार बीजेपी ने अपना खाता खोला.इसके बाद वर्ष 2020 में भी बीजेपी ने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा है.
नौतन (Nautan): कांग्रेस की सीट पर बीजेपी का कब्जा
1990 में पहली बार कांग्रेस को इस सीट पर हार झेलनी पड़ी और सीपीआई के रवाकांत द्विवेदी नौतन से पहले गैर कांग्रेसी विधायक बने थे.पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय यहां से 1967, 1969, 1972 और 1977 में यहां से जीते थे. नौतन से वर्तमान में विधायक नारायण प्रसाद साल 2010 में एलजेपी (LJP) के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े थे. तब उन्हें जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा प्रसाद ने हरा दिया था.लेकिन पांच साल बाद 2015 में नारायण प्रसाद बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए 2020 में भी इस सीट पर जीत दर्ज कर बीजेपी का झंडा बुलंद किया.
जातीय समीकरण
नौतन विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम-यादव वोटरों का दबदबा है. कोइरी, रविदास और कुर्मी भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं. खास बात यह है कि यादव और मुस्लिम वोटरों के दबदबे के बावजूद भी आरजेडी को यहां जीत नहीं मिली है, जबकि ये उसके कोर वोटर माने जाते हैं. 1951 से अब तक हुए 15 चुनावों में सात बार कांग्रेस, तीन बार जेडीयू, एक-एक बार सीपीआई, समता पार्टी, बसपा, निर्दलीय और दो बार भाजपा जीतने में सफल रही है.