हिलसा विधानसभा चुनाव 2025 (Hilsa Assembly Election 2025)
हिलसा विधानसभा क्षेत्र बिहार के नालंदा जिले में स्थित महत्वपूर्ण सीट है, जहां 3.50 लाख मतदाता हैं. 2020 में जेडीयू की बेहद करीबी जीत हुई, जबकि 2015 में राजद ने जीत दर्ज की. 2010 में जेडीयू ने वापसी की थी. यहां हमेशा राजनीतिक दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है.
हिलसा विधानसभा क्षेत्र, बिहार के नालंदा जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है, जो न सिर्फ राज्य की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में लगभग 3.50 लाख मतदाता हैं, और राजनीतिक दलों के बीच यहां हमेशा कड़ी टक्कर देखने को मिलती है। हिलसा की सियासी धार, बदलते चुनावी समीकरण, और मतदाताओं की सक्रियता इस सीट को खास बनाती है।
2020 हिलसा विधानसभा चुनाव(Hilsa Assembly Election): जेडीयू की बेहद करीबी जीत
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के कृष्णमुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने महज 12 वोटों के अंतर से राजद के अत्री मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव को हराया। यह चुनाव बिहार के इतिहास में सबसे करीबी मुकाबले के तौर पर याद किया जाएगा। प्रेम मुखिया को कुल 61,848 वोट मिले, जबकि शक्ति सिंह यादव को 61,836 वोट प्राप्त हुए। इस चुनाव ने हिलसा सीट के महत्व को और भी उजागर किया, जहां हर एक वोट ने निर्णय लिया।
2015 हिलसा विधानसभा चुनाव(Hilsa Assembly): राजद का क़ाबिज़ी
2015 के चुनाव में राजद के शक्ति सिंह यादव ने जेडीयू के प्रत्याशी को हराया था। इस चुनाव में राजद को 72,347 वोट मिले, और यह चुनाव महागठबंधन के तहत लड़ा गया था, जिसमें राजद, जदयू और कांग्रेस शामिल थे। शक्ति सिंह यादव की यह जीत क्षेत्र में राजद की मजबूत उपस्थिति को दर्शाती है, और उसने हिलसा में राजद के पक्ष में राजनीतिक माहौल बना दिया।
2010 हिलसा विधानसभा चुनाव(Hilsa Vidhan Sabha): जेडीयू की धमाकेदार वापसी
2010 में जेडीयू के उम्मीदवार उषा सिन्हा ने सीट पर कब्जा किया था। उषा सिन्हा को 54,974 वोट मिले, और उन्होंने राजद के उम्मीदवार को हराकर इस सीट पर जेडीयू का ध्वज लहराया। इस चुनाव ने हिलसा क्षेत्र में जेडीयू की पकड़ को और मजबूती दी, जो पहले कुछ चुनावों तक अन्य दलों के कब्जे में रही थी।