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सिंघेश्वर विधानसभा चुनाव 2025
(Singheshwar Vidhan Sabha Chunav 2025)
सिंगेश्वर विधानसभा: जदयू का गढ़, लेकिन राजद ने 2020 में पलट दी बाजी
सिंगेश्वर विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. पिछले तीन चुनावों के परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि यहां चुनावी स्थिति हमेशा बदलती रहती है. जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय मुद्दे यहां के चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं.
सिंघेश्वर विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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सिंघेश्वर विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
बिहार के मधेपुरा जिले की सिंगेश्वर विधानसभा सीट राज्य की प्रमुख राजनीतिक सीटों में से एक मानी जाती है. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है और यहां की राजनीति में जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय मुद्दे और विकास कार्यों की प्रमुख भूमिका रही है. यह सीट जदयू (जनता दल यूनाइटेड) और राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के बीच मुख्य मुकाबले का मैदान बन चुकी है.
सिंगेश्वर विधानसभा की राजनीतिक पृष्ठभूमि
सिंगेश्वर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,85,954 मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाता 52.16% और महिला मतदाता 47.84% हैं. इस क्षेत्र में जातिगत समीकरण बेहद प्रभावी हैं. यादव, कुर्मी, महतो, सादा और मुसलमान जैसे प्रमुख जातिगत समूह इस क्षेत्र में प्रभावी भूमिका निभाते हैं. चुनावों में इन जातिगत समीकरणों का विशेष प्रभाव पड़ता है, और यही कारण है कि सिंगेश्वर विधानसभा सीट पर हर चुनाव में जबरदस्त राजनीतिक हलचल देखने को मिलती है.
2020 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सिंगेश्वर सीट पर कड़ा मुकाबला हुआ था. इस चुनाव में राजद के उम्मीदवार चंद्रहास चौपाल ने जदयू के उम्मीदवार रमेश ऋषिदेव को कड़ी टक्कर दी. चंद्रहास चौपाल ने 86,181 वोट हासिल किए, जबकि रमेश ऋषिदेव को 80,608 वोट मिले. दोनों के बीच वोटों का अंतर केवल 5,573 था, जो इस बात का संकेत था कि सिंगेश्वर में जदयू का गढ़ ढहने लगा था. हालांकि, चंद्रहास चौपाल के पक्ष में जो जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण बने थे, वह जदयू के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुए.
2015 विधानसभा चुनाव
2015 के विधानसभा चुनाव में सिंगेश्वर सीट पर जदयू ने अपनी पकड़ बनाए रखी थी. जदयू के उम्मीदवार रमेश ऋषिदेव ने जीत दर्ज की थी, उन्होंने 83,073 वोट प्राप्त किए थे. उनके प्रतिद्वंदी, HAMS (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) की मंजू देवी को 32,873 वोट मिले थे. इस चुनाव में रमेश ऋषिदेव ने 71.79% वोट प्राप्त किए थे, जो कि एक मजबूत जीत थी. सिंगेश्वर सीट पर जदयू की यह जीत उसके समर्थक वर्ग के मजबूत होने का प्रतीक थी.
2010 विधानसभा चुनाव
सिंगेश्वर सीट पर 2010 में भी जदयू की जीत हुई थी, जहां रमेश ऋषिदेव ने आरजेडी के विजय कुमार सिंह को हराया था. इस चुनाव में रमेश ऋषिदेव को 58,000+ वोट मिले थे, जबकि विजय कुमार सिंह को 50,000+ वोट मिले थे. इस चुनाव में जदयू के पक्ष में 52.4% वोट पड़े थे, जो पार्टी की स्थिति को मजबूत करता था.
2020 और आने वाले चुनावों की राजनीति
2020 के चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि सिंगेश्वर सीट पर अब जदयू का वर्चस्व कमजोर हो चुका है. हालांकि, पार्टी का आधार मतदाता वर्ग अभी भी मजबूत था, लेकिन राजद की रणनीति और उम्मीदवारों के चुनाव ने समीकरण बदलने में मदद की. चंद्रहास चौपाल की जीत ने यह साफ किया कि यदि राजद अपनी जातिगत और क्षेत्रीय रणनीतियों पर सही तरीके से ध्यान दे, तो आगामी चुनावों में इस सीट पर पुनः जीत हासिल की जा सकती है.