फतुहा विधानसभा चुनाव 2025 (Fatuha Assembly Election 2025)
फतुआ विधानसभा सीट पर सबसे ज्या कुर्मी जाति के वोटर हैं. दूसरे नंबर पर यादव मतदाता हैं. लेकिन यादव वोटर की गोलबंदी के कारण यहां से आरजेडी लगातार जीतती आ रही है.
पटना जिले की फतुहा विधानसभा सीट पर RJD का बोलबाला रहा है. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में रामानंद यादव ने बीजेपी प्रत्याशी सत्येंद्र सिंह को पराजित कर इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा. विधायक डॉ. रामानंद यादव 2015 के विधानसभा चुनाव में LJP के सत्येंद्र कुमार सिंह को 30,402 वोटों से हराकर दूसरी बार जीते थे. इससे पहले रामानंद यादव 2010 में यहां से पहली बार विधायक चुने गए थे. 2009 में यहां हुए उप-चुनाव में JDU के अरुण मांझी ने बाजी मारी थी. फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 में जदयू के सरयू पासवान जीते थे. 2003 के उपचुनाव में यहां से RJD के ओमप्रकाश पासवान को जीत हासिल हुई थी.
यादवों की गोलबंदी से रामानंद की लगी हैट्रिक(Fatuha Vidhan Sabha)
इस सीट पर तीन उपचुनाव समेत अबतक 21 चुनाव हुए हैं. इनमें पांच बार RJD, तीन-तीन बार JDU और कांग्रेस, दो-दो बार जनता दल, जनसंघ और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और एक-एक बार लोकदल, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता पार्टी ने जीत हासिल की है. कांग्रेस आखिरी बार यहां से 1969 के चुनाव में जीती थी. जबकि, BJP आज तक यहां से नहीं जीत सकी है.
जातीय समीकरण(Fatuha Assembly Election)
इंडस्ट्रियल इलाका होने के बावजूद फतुहा की सीट पर जातिगत फैक्टर भी बड़ा रोल निभाता है. यहां पर कुर्मी जाति के वोटरों की संख्या अधिक है. यादव मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं. जिसका फायदा राजद को मिलता रहा है. इस सीट पर अब तक सबसे ज्यादा मतदान 66.26 प्रतिशत साल 1990 में हुआ था. यहां पुरुषों ने 71.0 और 61.57 प्रतिशत मतदान महिलाओं ने किया था.