BREAKING NEWS
शहर चुने:
हाजीपुर विधानसभा चुनाव 2025
(Hajipur Vidhan Sabha Chunav 2025)
हाजीपुर (वैशाली): हाजीपुर सीट पर साल 2000 से ही बीजेपी का मजबूत कब्जा रहा है. बीजेपी इस सीट पर पिछले 4 चुनाव से जीत दर्ज करते हुए आई है. इस सीट से गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तीन बार विधायक रहे हैं. उनके केंद्र की राजनीति में जाने के बाद भी इस सीट पर उनका प्रभाव है.
हाजीपुर विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
---|
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
---|
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
---|
हाजीपुर विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
हाजीपुर (वैशाली): बिहार की सियासत में हाजीपुर विधानसभा सीट एक अहम भूमिका निभाती है. वैशाली जिले की यह सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए पिछले दो दशकों से जीत का जरिया रही है. जातीय समीकरण, पार्टी के मजबूत संगठन और उम्मीदवारों की लोकप्रियता ने इस सीट को भाजपा का गढ़ बना दिया है.
2020 का मुकाबला: कांटे की टक्कर में फिर बाजी मारी भाजपा ने
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अवधेश सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के देव कुमार चौरसिया को करीबी मुकाबले में 2,990 वोटों से हराकर जीत दर्ज की. अवधेश सिंह को 85,552 वोट मिले जबकि राजद प्रत्याशी को 82,562 वोट मिले. इस सीट पर कुल मतदान प्रतिशत 57.29% रहा.
2015: मोदी लहर के बीच आरामदायक जीत
2015 के चुनाव में भी अवधेश सिंह ने जीत का परचम लहराया था. इस बार कांग्रेस के जगन्नाथ प्रसाद को 12,195 वोटों के बड़े अंतर से हराया गया. यह जीत भाजपा के लिए उस वक्त अहम थी जब राज्य में महागठबंधन की लहर चल रही थी.
2010: नित्यानंद राय का दबदबा
2010 में भाजपा नेता और मौजूदा केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने लोजपा के राजेंद्र को 16,609 वोटों से हराकर इस सीट पर भाजपा की स्थिति और मजबूत कर दी थी. इस चुनाव में भाजपा को 58.94% वोट मिले थे.
2005 और 2000: लगातार जीत की नींव
2005 के फरवरी और अक्टूबर में हुए चुनावों में नित्यानंद राय ने लगातार जीत दर्ज की. उन्होंने राजद के प्रत्याशी को करीब 15,000 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं 2000 के चुनाव में भी राय की जीत ने भाजपा को हाजीपुर में मजबूत कर दिया.
क्या कहता जातीय समीकरण है?
हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में यादव (करीब 19%) और राजपूत (लगभग 15%) मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. इसके अलावा मुस्लिम मतदाता भी लगभग 8% हैं, जो समीकरणों को प्रभावित करते हैं. यही कारण है कि पार्टियां यहां उम्मीदवार चयन में खास रणनीति अपनाती हैं.
क्या 2025 में बदल सकता है समीकरण?
भाजपा की लगातार जीत ने इस सीट को उसके गढ़ में बदल दिया है, लेकिन विपक्ष खासकर राजद और कांग्रेस गठबंधन इस सीट पर फोकस बढ़ा रहा है. अगर विपक्ष एकजुट हुआ और जातीय संतुलन साध पाया, तो मुकाबला रोचक हो सकता है.
अब तक के विजेता:
वर्ष विजेता पार्टी मुख्य विरोधी जीत का अंतर
2020 अवधेश सिंह BJP RJD 2,990
2015 अवधेश सिंह BJP Congress 12,195
2010 नित्यानंद राय BJP LJP 16,609
2005 नित्यानंद राय BJP RJD 15,000+
2000 नित्यानंद राय BJP RJD 15,000+
नजर बनाए रखिए!
हाजीपुर सीट पर अगला चुनाव रोचक होने की पूरी उम्मीद है, लेकिन क्या भाजपा एक बार फिर अपने गढ़ को बचा पाएगी या विपक्ष यहां कोई बड़ा उलटफेर करेगा? राजनीति की बाज़ी कब पलट जाए, कहना मुश्किल है.