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कोढ़ा विधानसभा चुनाव 2025
(Kodha Vidhan Sabha Chunav 2025)
कोढ़ा विधानसभा: पिछले तीन चुनाव में RJD को मिला अपना एक और गढ़, हर चुनाव में पार्टी को मिला साथ
कोढ़ा विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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कोढ़ा विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
कोढ़ा: 2000 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब कोढ़ा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कब्जा था. इसके बाद में हुए चुनाव में आरजेडी ने इस पर अपना दबदबा बनाए रखा है. पिछले तीन चुनाव के दौरान पार्टी ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है.
कोढ़ा विधानसभा, जो बिहार राज्य के सारण जिले में स्थित है, राजनीति के लिहाज से एक दिलचस्प और उतार-चढ़ाव भरी सीट रही है. इस सीट पर हर चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का दबदबा देखने को मिलता है. यहां के चुनाव परिणाम हमेशा बदलते रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से खासा दिलचस्प बन गया है.
2000 से 2020 तक का चुनावी इतिहास:
2000 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब कोढ़ा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कब्जा था. इसके बाद से, यहां पर राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियां इस सीट को लेकर बार-बार अपनी ताकत आजमाती रही हैं. हर चुनाव में जनता ने अपनी राय अलग-अलग तरीके से जाहिर की, जो इस सीट की राजनीति को और भी जटिल बनाती है.
पिछले तीन चुनावों के परिणाम:
1. 2010 चुनाव: इस चुनाव में, कोढ़ा विधानसभा सीट पर एक बार फिर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने विजय हासिल की थी. आरजेडी के उम्मीदवार ने भाजपा के प्रत्याशी को हराया और यहां पार्टी का दबदबा दिखाया. इस चुनाव ने साबित कर दिया कि कोढ़ा की जनता अपनी परंपरागत राजनीतिक निष्ठाओं के प्रति प्रतिबद्ध रहती है.
2. 2015 चुनाव: 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने भारी सफलता प्राप्त की। यहां पर आरजेडी की जीत एक बार फिर से लोगों की रुचि को दर्शाती है कि कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र में सत्ता की अदला-बदली जारी रहती है. इस बार महागठबंधन की रणनीतियों ने विपक्ष को नकारात्मक तरीके से प्रभावित किया और परिणाम उनकी उम्मीदों के मुताबिक रहे.
3. 2020 चुनाव: 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीत हासिल की, लेकिन इस बार मुकाबला काफी कड़ा था. भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगियों ने भी पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन जनता ने फिर से आरजेडी पर विश्वास जताया। चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि कोढ़ा की राजनीति में बदलाव के बावजूद कुछ दलों का दबदबा कायम रहता है.
कोढ़ा का राजनीति में उतार-चढ़ाव:
कोढ़ा विधानसभा की राजनीति का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि यहां पर कभी भी परिणाम का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होता है. प्रत्येक चुनाव में इस सीट के नतीजे जनता के बदलते रुझानों और राजनीतिक समीकरणों को दर्शाते हैं. कभी यह सीट भाजपा के पक्ष में रही है, तो कभी आरजेडी और महागठबंधन ने अपनी पकड़ बनाई है.