अमरपुर विधानसभा चुनाव 2025 (Amarpur Assembly Election 2025)
बांका संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 6 विधानसभा सीटों में एक है अमरपुर विधानसभा. इस सीट पर अभी जदयू का कब्जा है. बांका जिले की इस विधानसभा में करीब 3 लाख मतदाता हैं. पिछले चुनाव में 434 बूथों पर यहां वोट डाले गए थे. 2020 में 55 प्रतिशत से कुछ अधिक मतदान हुआ था. 2015 के विधानसभा चुनाव में भी 55 प्रतिशत से कुछ ही अधिक मत पड़े थे.
राजद से जदयू ने छीनी सीट(Amarpur Assembly Election)
अमरपुर सीट को राजद से छीनकर जदयू ने अपना कब्जा जमाया है. 2005 में राजद को यहां अंतिम जीत मिली थी. उसके बाद 2010 से अबतक जदयू के ही उम्मीदवार इस सीट से जीते हैं. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने भी यहां से उम्मीदवार पिछली चुनाव में उतारे थे.
लोजपा से लड़े भाजपा के मृणाल(Amarpur Vidhan Sabha)
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में जदयू के पास अमरपुर सीट गयी तो जेडीयू ने जयंत राज को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा और जीत मिली. जदयू ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह और लोजपा के मृणाल शेखर को पटखनी दी और चुनाव जीते.
जदयू का विजय रथ चलता रहा(Amarpur Assembly)
2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से जदयू के जनार्दन मांझी जीते थे. 2015 में उन्होंने भाजपा के मृणाल शेखर को हराया था. करीब 12 हजार वोटों के अंतर से हारे मृणाल ने 2020 में लोजपा से चुनाव लड़ा था.जबकि 2020 के चुनाव में जदयू के जयंत राज को 54308 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को 51194 वोट मिले थे. यहां लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के उम्मीदवार मृणाल शेखर 40308 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. 2005 में राजद के टिकट पर सुरेंद्र प्रसाद सिंह यहां से जीते थे. उन्होंने जदयू प्रत्याशी बेदानंद सिंह को हराया था.
सीट शेयरिंग पर रहेगी सबकी नजरें
अमरपुर सीट पर राजपूत और यादव वोटरों की भूमिका अधिक निर्णायक साबित होती है. मुस्लिम वोटरों की भी यहां अच्छी-खासी संख्या है. जबकि अन्य छोटे-बड़े जाति के वोटर्स भी यहां हैं जिनका वोट अहम साबित होता है. इसबार मृणाल शेखर भाजपा में वापसी कर चुके हैं. उनकी नजर भी टिकट पर रहेंगी. सीट बंटवारे पर सबकी नजर रहेगी.