तेघड़ा विधानसभा चुनाव 2025 (Teghra Assembly Election 2025)
बेगूसराय जिले की इस सीट का इतिहास खुद में अनोखा है. यहां आज तक किसी एक पार्टी का दबदबा कायम नहीं रहा है. 2015 में राजद के बीरेंद्र कुमार ने बीजेपी के राम लखन सिंह को हराया था, जबकि 2010 में बीजेपी के ललन कुमार ने जीत दर्ज की थी.
2010 में भाजपा के लालन कुमार ने दर्ज की थी जीत(Teghra Vidhan Sabha)
ललन कुमार (भाजपा)- 38,694
राम रतन सिंह (CPI)- 32,848
2015 विधानसभा चुनाव में राजद के वीरेंद्र कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के राम लखन सिंह को 15,611 वोटों से हराया था.
वीरेंद्र कुमार (राजद)- 68,975
राम लखन सिंह(भाजपा)- 53,364
2020 चुनाव में सीपीआई के राम रतन सिंह ने जदयू के वीरेंद्र कुमार को 47,979 वोटों से हराया था.
राम रतन सिंह(सीपीआई)- 85,229
वीरेंद्र कुमार (जदयू)- (37,250)
1962 में हुआ था अंतिम चुनाव
इससे पहले 1962 में अंतिम चुनाव हुआ था, जब इस सीट को परिसीमन के चलते खत्म कर दिया गया था. 2008 में सीट की वापसी के बाद से अब तक हर चुनाव में अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है. कांग्रेस, भाकपा, बीजेपी, राजद और निर्दलीय सभी को एक-एक बार इस सीट पर जीत का स्वाद मिल चुका है.
क्या है जातीय समीकरण?
जातीय समीकरण भी तेघड़ा में दिलचस्प हैं. मुस्लिम और यादव वोटरों का दबदबा है, जबकि भूमिहार और पासवान समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. कुल 2.79 लाख वोटरों में पुरुषों की संख्या 1.50 लाख और महिलाओं की 1.29 लाख है, वहीं 14 ट्रांसजेंडर वोटर भी लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं.
वोटिंग प्रतिशत
वोटिंग प्रतिशत भी इस विधानसभा का लगातार बढ़ता रहा है. 1951 में 49.6%, 2010 में 55.4%, और 2015 में 59.4% वोटिंग दर्ज की गई थी. अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के इस चुनावी महासमर में कौन अपनी रणनीति के दम पर बाजी मारता है. इतिहास को दोहराया जाएगा या नया अध्याय लिखा जाएगा?