अलौली विधानसभा चुनाव 2025 (Alauli Assembly Election 2025)
अलौली विधानसभा बिहार राज्य के 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक महत्वपूर्ण सीट है. अलौली विधानसभा सीट बिहार के खगड़िया जिले में स्थित है. यह खगड़िया संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. अलौली विधानसभा सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर लंबे समय तक उनके परिवार का कब्जा रहा.
अलौली विधानसभा में मतदाताओं की संख्या(Alauli Assembly Election)
अलौली विधानसभा में एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 64,209 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 25.39% है. अलौली विधानसभा में एसटी मतदाताओं की संख्या लगभग 101 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0.04% है. वहीं इस विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 19,220 है, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 7.6% है. अलौली विधानसभा में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 252,891 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 100% है. अलौली विधानसभा में शहरी मतदाताओं की संख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0% है. वहीं 2020 विधानसभा चुनाव तक अलौली विधानसभा के कुल मतदाता 252891 है.
साल 2020 में अलौली विधानसभा सीट से रामवृक्ष सदा बने विधायक(Alauli Vidhan Sabha)
साल 2020 में अलौली विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार रामवृक्ष सदा ने 2773 मतों के साथ जीत हासिल की. वहीं आरजेडी के उम्मीदवार रामवृक्ष सदा ने जेडीयू की प्रत्याशी साधना देवी को हराया था. रामवृक्ष सदा को 47183 वोट मिले थे, जबकि साधना देवी को 44410 मत मिले. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राम चंद्र सदा 26386 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
2015 में आरजेडी के उम्मीदवार से हार गए थे पशुपति पारस
साल 2015 में अलौली विधानसभा सीट पर रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस चुनाव लड़े थे. वहीं आरजेडी से चंदन कुमार उम्मीदवार थे. अलौली विधानसभा सीट से पशुपति पारस सात बार विधायक रह चुके है. लेकिन 2015 में आरजेडी के उम्मीदवार चंदन कुमार ने पशुपति पारस को हरा दिया था. 2015 के चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार चंदन कुमार ने 70,519 मतों के साथ जीत हासिल की. वहीं पशुपति पारस को 46,049 मतों से संतोष करना पड़ा था.