बाँकीपुर विधानसभा चुनाव 2025 (Bankipur Assembly Election 2025)
बांकीपुर विधानसभा बिहार राज्य के 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है. यह पटना जिले में स्थित है और पटना साहिब संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस विधानसभा क्षेत्र में वैश्य और कायस्थ समाज का बोलबाला है. मौजूदा विधायक नितिन नवीन भी कायस्थ जाति से आते हैं.
बांकीपुर विधानसभा में अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या लगभग 31,499 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 8.04% है. वहीं अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 1,293 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0.33% है. बांकीपुर विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 30,558 है, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 7.8% है. बांकीपुर विधानसभा में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0% है. वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 391,775 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 100% है. 2020 विधानसभा चुनाव के अनुसार बांकीपुर विधानसभा के कुल मतदाता 391775 है.
साल 2020 बांकीपुर विधानसभा में बीजेपी का रहा कब्जा(Bankipur Assembly Election)
बांकीपुर विधानसभा में वैश्य और कायस्थ समाज का बोलबाला है. मौजूदा विधायक नितिन नवीन भी कायस्थ जाति से आते हैं, ऐसे में उनका अपनी जाति के वोटरों में दबदबा है. साल 2020 में बांकीपुर विधानसभा में बीजेपी के नितिन नवीन चुनाव जीते. नितिन नवीन ने कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को 39 हजार 36 वोटों से हराया था. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में नितिन नवीन को 83068 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा को 44032 वोट मिले. वहीं प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया को 5189 वोटों से संतोष करना पड़ा.
साल 2015 बांकीपुर विधानसभा में क्या रहे थे चुनावी नतीजे?(Bankipur Vidhan Sabha)
साल 2015 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से ये सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. वहीं बीजेपी से नितिन नवीन चुनाव मैदान में थे. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नितिन नवीन ने बड़े अंतर से कांग्रेस के कुमार आशीष को मात दी थी. 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां करीब 86 हजार तो कांग्रेस को 46 हजार के करीब वोट मिल पाए थे. विधानसभा चुनाव के हिसाब से 40 हजार वोटों का नंबर बड़ा माना जाता है. हालांकि, यहां कुल वोटों की संख्या काफी कम रही थी और करीब चालीस फीसदी ही मतदान हो पाया था.