लखीसराय विधानसभा चुनाव 2025 (Lakhisarai Assembly Election 2025)
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा इस सीट से लगातार बढ़त बनाये हुआ हैं. उनके खिलाफ विपक्ष की पार्टियां ज्यादा कुछ नहीं कर पाती हैं.
बिहार के लखीसराय विधानसभा सीट ने पिछले एक दशक में कई राजनीतिक बदलाव देखे हैं. यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए एक मजबूत गढ़ साबित हुई है, जबकि अन्य दलों के लिए इसे जीतना चुनौतीपूर्ण रहा है. आइए, इस सीट के पिछले तीन विधानसभा चुनावों का विश्लेषण करें और 2025 के संभावित मुकाबले पर चर्चा करें.
लखीसराय विधानसभा चुनाव 2010(Lakhisarai Assembly Election)
2010 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की फूलैना सिंह को 59,620 वोटों के अंतर से हराया. विजय कुमार सिन्हा को 78,457 वोट मिले, जबकि फूलैना सिंह को 18,837 वोट प्राप्त हुए. यह चुनाव बीजेपी की प्रचंड जीत और पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत था.
लखीसराय विधानसभा चुनाव 2015(Lakhisarai Assembly)
2015 में बीजेपी के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के रामानंद मंडल को 10,156 वोटों के अंतर से हराया. विजय कुमार सिन्हा को 75,901 वोट मिले, जबकि रामानंद मंडल को 69,345 वोट प्राप्त हुए. यह चुनाव महागठबंधन की लहर के बावजूद बीजेपी की निरंतरता को दर्शाता है.
लखीसराय विधानसभा चुनाव 2020(Lakhisarai Vidhan Sabha)
2020 में बीजेपी के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस के अमरेश कुमार को 10,483 वोटों के अंतर से हराया. विजय कुमार सिन्हा को 74,212 वोट मिले, जबकि अमरेश कुमार को 63,729 वोट प्राप्त हुए. यह चुनाव बीजेपी की पुनः जीत और पार्टी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है.
अब 2025 के चुनाव में देखना होगा कि क्या भाजपा इस सीट पर चौथी बार जीत का परचम लहरा पाएगी या महागठबंधन कोई नया समीकरण लेकर मैदान में उतरेगा. स्थानीय विकास, रोजगार, शिक्षा और जातीय समीकरण इस बार भी वोटिंग के अहम मुद्दे रहेंगे.