कोचाधामन विधानसभा चुनाव 2025 (Kochadhaman Assembly Election 2025)
बिहार के किशनगंज जिले की कोचाधामन विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास कुछ ऐसा है, जिसे देख कर लगता है कि यहां हर बार राजनीति के रंग बदल जाते हैं. यह सीट, जो 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई, समय-समय पर राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों रही है.
कोचाधामन सीट की राजनीति ने हर चुनाव में अपने रंग बदलते हुए दिखाए हैं. 2010 में RJD, 2014-2015 में जद(यू), और 2020 में AIMIM—यह सीट बिहार के राजनीतिक परिवेश का एक अद्भुत उदाहरण बन चुकी है. यहां के मतदाता हर बार किसी नए हीरो को जन्म देते हैं, और शायद यही कारण है कि यह सीट बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाती रही है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में कौन सा दल कोचाधामन की सत्ता पर काबिज होगा.
2010 में कोचाधामन विधानसभा चुनाव में RJD का जलवा (Kochadhaman Assembly Election)
कोचाधामन में पहले विधानसभा चुनाव में अख्तरुल इमाम ने RJD का झंडा बुलंद किया. जद(यू) के मुजाहिद आलम को 9,025 वोटों से हराकर उन्होंने इस सीट पर राजद की सत्ता स्थापित की. यह जीत बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसने क्षेत्रीय दलों की मजबूती को दिखाया.
2014 में उपचुनाव: जद(यू) की वापसी(Kochadhaman Assembly)
हालांकि, 2014 में हुए उपचुनाव ने एक नया मोड़ लिया. जद(यू) के मुजाहिद आलम ने AIMIM के अख्तरुल इमाम को हराकर 18,843 वोटों से शानदार जीत दर्ज की. यह जीत एक बड़े राजनीतिक संदेश की तरह थी, क्योंकि जद(यू) ने अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल की थी.
2015 में कोचाधामन विधानसभा चुनाव में जद(यू) का दुबारा कब्जा ( Kochadhaman Vidhan Sabha)
2015 के विधानसभा चुनाव में भी जद(यू) ने अपना दबदबा कायम रखा और मुजाहिद आलम ने फिर से AIMIM के अख्तरुल इमाम को हराया. चुनावी नतीजे साफ थे. जद(यू) फिर से इस सीट पर विजयी रहा और इस बार भी जीत का अंतर काफी बड़ा था.
2020 में कोचाधामन विधानसभा चुनाव में AIMIM की धमाकेदार एंट्री
लेकिन 2020 में कहानी में ट्विस्ट आया. इस बार AIMIM के मुहम्मद इज़हार अस्फी ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए 79,893 वोटों से जीत हासिल की और जद(यू) के मुजाहिद आलम को धूल चटाई. इस बार AIMIM की जीत ने यह साबित कर दिया कि बिहार के मुस्लिम वोटों में AIMIM की पकड़ अब मजबूत हो रही है.