16.1 C
Ranchi

मांझी विधानसभा चुनाव 2025 (Manjhi Assembly Election 2025)

2025 2020 2015 2010
CANDIDATE NAME PARTY VOTES
Randhir Singh Won JDU 56,657
Satyendra Yadav Lost CPIM 48,565
Rana Pratap Singh Lost Independent 16,878
Yadvansh Giri Lost Jan Suraaj Party 7,375
CANDIDATE NAME PARTY VOTES
Dr. Satyendra Yadav Won CPIM 59,324
RANA PRATAP SINGH Lost IND 33,938
MADHAVI KUMARI Lost JD(U) 29,155
OM PRAKASH PRASAD Lost RLSP 10,109
VIJAY PRATAP SINGH Lost IND 7,374
SAURABH KUMAR PANDEY Lost LJP 3,725
SAURABH SUNNY Lost IND 2,469
SHANKAR SHARMA Lost IND 2,345
RAVI RANJAN SINGH Lost RJnJnP 1,672
RAM NARAYAN YADAV Lost IND 1,561
SUJIT PURI Lost IND 1,355
SHAIKH NAUSHAD Lost ASPKR 993
ATUL BHASKAR Lost IND 886
VINOD KUMAR MANJHI Lost IND 765
RAJ KUMAR TIWARI Lost BJKD 762
KAMAL NAYAN PATHAK Lost NCP 591
CANDIDATE NAME PARTY VOTES
VIJAY SHANKER DUBEY Won INC 29,558
KESHAV SINGH Lost LJP 20,692
CANDIDATE NAME PARTY VOTES
GAUTAM SINGH Won JD(U) 28,687
HEM NARAYAN SINGH Lost RJD 20,783

मांझी विधानसभा चुनाव परिणाम

छपरा (सारण) लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली मांझी विधानसभा सीट बिहार की उन ऐतिहासिक सीटों में शामिल है, जहां राजनीतिक समीकरण समय के साथ कई बार बदले हैं. एक दौर में यह सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाती थी, लेकिन अब यहां राजद और भाजपा के बीच सीधी टक्कर बनती जा रही है. जातीय समीकरण, क्षेत्रीय असंतोष और स्थानीय मुद्दे इस सीट को लगातार चुनावी दृष्टिकोण से रोचक बनाते रहे हैं.

मतदाता संख्या और वोटिंग ट्रेंड(Manjhi Assembly Election)

मांझी विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 3,10,000 के आसपास है. इसमें पुरुष मतदाता लगभग 1.62 लाख और महिला मतदाता 1.48 लाख के करीब हैं. औसतन यहां 55-60% तक मतदान होता रहा है. यह इलाका गंगा किनारे बसा हुआ है. बाढ़, कटाव, सड़क और पुल जैसी समस्याएं लंबे समय से चुनावी मुद्दों का हिस्सा रही हैं. राजनीतिक इतिहास: कांग्रेस से राजद तक, अब भाजपा की बढ़ती मौजूदगी

2010: जदयू-भाजपा गठबंधन के दौर में राजद को झटका(Manjhi Assembly)

2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा गठबंधन की लहर थी. इस समय जदयू के गौतम सिंह ने राजद के उम्मीदवार हेमनारायण सिंह को मात दी थी. यह जीत जदयू के लिए निर्णायक थी.

2015: महागठबंधन के दम पर राजद की वापसी(Manjhi Vidhan Sabha)

2015 में जब राज्य में महागठबंधन बना तो कॉंग्रेस के विजय शंकर दुबे ने लोजपा के केशव सिंह को शिकस्त दी थी. उन्हें करीब 30 हजार वोट मिले. जबकि लोजपा के केशव सिंह को लगभग 20 हजार 700 वोटों से संतोष करना पड़ा. यह चुनाव यादव-मुस्लिम वोट बैंक के एकजुट होने का उदाहरण बना.

2020: फिर भाजपा का पलटवार

2020 के विधानसभा चुनाव में CPI(M) के सत्येन्द्र यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार राणा प्रताप सिंह को करारी शिकस्त दी थी. सत्येन्द्र यादव (CPI(M))- 59,324 राणा प्रताप सिंह (निर्दलीय) - 33938 माधवी कुमारी (जदयू) - 29155

जातीय समीकरण: यादव, सवर्ण और अति पिछड़ा वर्ग की निर्णायक भूमिका

मांझी सीट का जातीय समीकरण बेहद जटिल है. यहां यादव वोटर बड़ी संख्या में हैं और पारंपरिक रूप से राजद का समर्थन करते हैं. वहीं भूमिहार, ब्राह्मण और राजपूत जैसे सवर्ण समुदाय भाजपा की ताकत हैं. इसके अतिरिक्त तेली, नाई, कुशवाहा, धोबी, और पासवान जैसे अति पिछड़ा व दलित वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. मुस्लिम मतदाता, जो लगभग 10% के आसपास हैं, प्रायः महागठबंधन की ओर झुके रहते हैं.

2025 की रणनीति: सीधी लड़ाई, लेकिन संभावनाओं से भरी

2025 के चुनाव में भाजपा और राजद के बीच सीधी टक्कर के आसार हैं. भाजपा इस बार सवर्ण और अति पिछड़ा वर्ग को एकजुट करने की कोशिश में है, जबकि राजद यादव-मुस्लिम समीकरण को मजबूती देने में जुटा है. हालांकि अगर जदयू भी इस सीट पर दावा करती है, तो त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन सकती है.

स्थानीय मुद्दे: बाढ़, पुल और पलायन सबसे बड़े सवाल

मांझी इलाके में गंगा नदी के किनारे बसे गांव हर साल बाढ़ और कटाव की मार झेलते हैं. मांझी-रेवती घाट पुल की मांग लंबे समय से लंबित है, जो यूपी और बिहार को सीधे जोड़ सकता है. शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय रोज़गार की भी कमी यहां के युवाओं को बाहर जाने के लिए मजबूर करती है. जो भी दल इन मुद्दों पर भरोसेमंद योजना देगा, उसे जनता का समर्थन मिल सकता है.

मांझी में कड़ा मुकाबला तय, जीत उसी की जो जाति और मुद्दों का संतुलन साधे

मांझी विधानसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा का प्रतिनिधित्व है, लेकिन राजद की चुनौती भी बेहद मजबूत है. यह चुनाव सिर्फ जातीय समीकरण का नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों को समझने और सुलझाने की दिशा में उठाए गए ठोस कदमों का भी होगा. देखना यह होगा कि 2025 में मांझी की जनता किसे अपना भाग्यविधाता चुनती है. अनुभव को या बदलाव की चाह को.

बिहार चुनाव न्यूज़

बिहार न्यूज़

वीडियो

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

अगिआँवअतरीअमनौरअमरपुरअमौरअररियाअरवलअलीनगरअलौलीअस्थावांआराआलमनगरइमामगंजइस्लामपुरउजियारपुरएकमाओबराऔरंगाबादऔराईकटिहारकटोरियाकदवाकरगहरकल्याणपुर पूर्वी चंपारणकस्बाकहलगांवकांटीकाराकाटकिशनगंजकुचायकोटकुटुंबाकुड़नीकुम्हरारकुर्थाकुशेश्वर स्थानकेवटीकेसरियाकोचाधामनकोढ़ाखगड़ियाखजौलीगया टाउनगरखागायघाटगुरुआगोपालगंजगोपालपुरगोरेयाकोठीगोविंदगंजगोविंदपुरगोहगौड़ा बौरामघोसीचकाईचनपटियाचिरैयाचेनारीचेरिया बरियारपुरचैनपुरछपराछातापुरजगदीशपुरजमालपुरजमुईजहानाबादजालेजिरादेईजोकीहाटझंझारपुरझाझाटिकारीठाकुरगंजडुमरांवडेहरीढाकातरारीतरैयातारापुरतेघड़ात्रिवेणीगंजदरभंगादरभंगा ग्रामीणदरौंदादरौलीदानापुरदिनारादीघाधमदाहाधौरैयानरकटियानरकटियागंजनरपतगंजनवादानवीनगरनाथनगरनालंदानिर्मलीनोखानौतनपटना साहिबपरबत्तापरसापरिहारपातेपुरपारूपालीगंजपिपरा पूर्वी चंपारणपीरपैंतीपूर्णियाप्राणपुरफतुहाफुलवारीफूलपरासफोर्ब्सगंजबक्सरबखरीबख्तियारपुरबगहाबछवाड़ाबड़हरियाबथनाहाबनमनखीबनियापुरबरबीघाबरहराबरारीबरुराजबरौलीबलरामपुरबहादुरगंजबहादुरपुरबांकाबांकीपुरबाजपट्टीबाढ़बाबूबरहीबाराचट्टीबिक्रमबिस्फीबिहपुरबिहारशरीफबिहारीगंजबेगूसरायबेतियाबेनीपट्टीबेनीपुरबेलदौरबेलसंडबेलहरबेलागंजबैकुंठपुरबैसीबोचहांबोधगयाब्रहमपुरभभुआभागलपुरभोरेमखदुमपुरमटिहानीमढ़ौरामधुबनमधुबनीमधेपुरामनिहारीमनेरमसौढ़ीमहनारमहाराजगंजमहिषीमहुआमांझीमीनापुरमुंगेरमुजफ्फरपुरमोकामामोतिहारीमोरवामोहनियामोहीउद्दीन नगररक्सौलरघुनाथपुररफीगंजराघोपुरराजगीरराजनगरराजपुरराजा पाकड़राजौलीरानीगंजरामगढ़रामनगररीगारुन्नीसैदपुररुपौलीरोसड़ालखीसरायलालगंजलौकहालौरियावज़ीरगंजवारसलीगंजवारिसनगरवाल्मीकिनगरविभूतिपुरवैशालीशाहपुरशिवहरशेखपुराशेरघाटीसकरासंदेशसमस्तीपुरसरायरंजनसहरसासासारामसाहेबगंजसाहेबपुर कमालसिकटासिकटीसिकंदरासिंघेश्वरसिमरी बख्तियारपुरसिवानसीतामढ़ीसुगौलीसुपौलसुरसंडसुलतानगंजसूर्यगढ़ासोनपुरसोनवर्षाहथुआहरनौतहरलाखीहरसिद्धिहसनपुरहाजीपुरहायाघाटहिलसाहिसुआ
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel