रफीगंज विधानसभा चुनाव 2025 (Rafiganj Assembly Election 2025)
Rafiganj Vidhan Sabha Chunav 2025
बिहार की रफीगंज विधानसभा सीट से आरजेडी के नेता मोहम्मद निहालुद्दीन विधायक हैं. साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिंह को हरा दिया था. दोनों प्रत्याशियों के बीच 9429 वोट का फासला था. यानी कि, मुकाबला आरजेडी और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच बेहद रोचक रहा.
बिहार की औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला विधानसभा क्षेत्र रफीगंज में साल 2020 में बेहद रोचक मुकाबला देखने के लिए मिला था. यहां से आरजेडी के नेता मोहम्मद निहालुद्दीन विधायक चुने गए थे. इस सीट पर मुकाबला आरेजडी नेता मोहम्मद निहालुद्दीन और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे प्रमोद कुमार सिंह के बीच था. राजद के मोहम्मद निहालुद्दीन को 63325 वोट मिले थे. तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी प्रमोद कुमार को 53896 वोट मिले थे.
55.78 प्रतिशत पड़े थे वोट…
बता दें कि, रफीगंज विधानसभा सीट पर 2020 में 55.78 फीसदी वोट पड़े थे. 2010 और 2015 में जनता दल यूनाइटेड के अशोक कुमार सिंह विधायक चुने गए थे. लेकिन, 2020 में आरजेडी के मोहम्मद निहालुद्दीन को जीत मिली. अन्य प्रत्याशियों की बात करें तो, जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के संदीप सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विशाल कुमार सिंह और बहुजन समाज पार्टी के रंजीत कुमार सिंह चुनावी मैदान में थे. लेकिन, ये सभी टक्कर नहीं दे सकें.
रफीगंज सीट पर कैसा रहा है राजनीतिक समीकरण…
बता दें कि, रफीगंज सीट पर 1952 में पहली बार चुनाव हुआ था और 1957 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. इसके बाद 1962 के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी ने जीत हासिल की. फिर कांग्रेस ने वापसी की. लेकिन, साल 1969 में बीजेएस ने जीत की परचम लहराया. कांग्रेस की 1972 में फिर वापसी हुई लेकिन 1977 में जेएनपी के हुसैन अंसारी जीते. इसके बाद साल 1980, 1985 और 1990 तक विजय कुमार सिंह हैट्रिक लगाते हुए विधायक की कुर्सी पर विराजमान रहे. 1995 में सीपीआई के राम चंद्र सिंह को जीत मिली. तो वहीं, समता पार्टी के सुशील कुमार सिंह साल 2000 में चुनाव जीते. फिर 2005 के चुनाव में आरजेडी के मोहम्मद निहालुद्दीन को जीत मिली. इसके अलावा 2010 और 2015 के चुनाव में जेडीयू के अशोक कुमार सिंह जीते. तो वहीं, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में मोहम्मद निहालुद्दीन की फिर वापसी हुई.
वहीं, इस बार के चुनाव में महागठबंधन की ओर से आरजेडी और एनडीए की ओर से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी के खड़े होने का अनुमान लगाया जा रहा है. साथ ही मुकाबला भी रोचक हो सकता है.