बरबीघा विधानसभा चुनाव 2025 (Barbigha Assembly Election 2025)
बरबीघा विधानसभा सीट पर साल 2010 के चुनाव में जेडीयू ने कांग्रेस को 3,047 वोटों के अंतर से हराया था और जेडीयू के गजानंद शाही विधायक बने थे. इसके बाद साल 2015 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और विधायक सुदर्शन कुमार बने. लेकिन 2020 विधानसभा चुनाव में सुदर्शन कुमार कांग्रेस का दामन छोड़ जेडीयू में शामिल हो गये और जेडीयू ने एक बार फिर कांग्रेस को 113 वोटों के अंतर से हरा दिया और सुदर्शन कुमार विधायक बने, लेकिन जेडीयू पार्टी से. जानिए क्या रहा है इस सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड और क्या है 2025 के मुकाबले की संभावना.
2020 बरबीघा विधानसभा चुनाव(Barbigha Assembly Election)
इस चुनाव में जेडीयू के सुदर्शन कुमार और कांग्रेस के गजानंद शाही के बीच मुख्य मुकाबला था. जेडीयू के सुदर्शन कुमार को 39,878 वोट, तो वहीं कांग्रेस गजानंद शाही को 39,765 वोट मिले. इस चुनाव में जेडीयू के सुदर्शन कुमार ने 113 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
2015 बरबीघा विधानसभा चुनाव(Barbigha Assembly)
इस चुनाव में कांग्रेस के सुदर्शन कुमार और आरएलएसपी के शिव कुमार के बीच मुख्य मुकाबला था. कांग्रेस के सुदर्शन कुमार को कुल 46,406 वोट मिले, तो वहीं आरएलएसपी के शिव कुमार को कुल 30,689 वोट मिले. इस चुनाव में कांग्रेस के सुदर्शन कुमार ने 15,717 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
2010 बरबीघा विधानसभा चुनाव(Barbigha Vidhan Sabha)
इस चुनाव में जेडीयू के गजानंद शाही और कांग्रेस के अशोक चौधरी के बीच में मुख्य मुकाबला था. जेडीयू के गजानंद शाही को कुल 24,136 वोट मिले, तो वहीं कांग्रेस के अशोक चौधरी को कुल 21,089 वोट मिले. इस चुनाव में जेडीयू के गजानंद शाही ने 3,047 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
बरबीघा विधानसभा चुनाव 2025
आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में बरबीघा विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला जेडीयू और कांग्रेस के बीच होने की संभावना है. ऐसे तो इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन साल 2010 और 2020 के चुनाव में जेडीयू ने कांग्रेस को हार का स्वाद चखाया है. ऐसे में उम्मीद यह है कि जेडीयू इस सीट पर वर्तमान विधायक सुदर्शन कुमार को फिर से खड़ा करे. वहीं संभावना है कि कांग्रेस इस सीट पर गजानंद शाही को एक बार और मौका दे, क्योंकि पिछले साल 2020 के चुनाव में उन्होंने जेडीयू के सुदर्शन कुमार को कड़ी टक्कर दी थी. गजानंद शाही मात्र 113 वोटों से अंतर से हारे थे. ऐसे में पार्टी उन्हें एक और मौका दे सकती है.