किशनगंज विधानसभा चुनाव 2025 (Kishanganj Assembly Election 2025)
2010 किशनगंज विधानसभा चुनाव: कांटे की टक्कर में मिली कांग्रेस को जीत (Kishanganj Assembly Election)
2010 के चुनाव में कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद ने बीजेपी की स्वीटी सिंह को बेहद कम अंतर से हराया. डॉ. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस) को इस चुनाव में 38,867 वोट मिला. स्वीटी सिंह को उन्होंने मात्र 264 वोट से हराया.
2015 किशनगंज विधानसभा चुनाव: बढ़ते समर्थन के साथ दोबारा कांग्रेस की वापसी (Kishanganj Vidhan Sabha)
2015 में कांग्रेस ने अपनी पकड़ और मजबूत की और फिर से जीत दर्ज की. इस बार भी बीजेपी की प्रत्याशी स्वीटी सिंह को शिकस्त मिली. इस चुनाव में कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद को 66,522 वोट मिले. दूसरे नंबर पर रही बीजेपी की स्वीटी सिंह ने उनसे 8,609 वोट कम प्राप्त किया.
2020 किशनगंज विधानसभा चुनाव: नए चेहरे ने संभाली कांग्रेस की कमान
डॉ. जावेद के सांसद चुने जाने के बाद 2020 में कांग्रेस ने नए चेहरे इज़हारुल हुसैन को मैदान में उतारा. हालांकि बीजेपी की स्वीटी सिंह ने फिर कड़ी टक्कर दी, लेकिन जीत एक बार फिर कांग्रेस के खाते में गई. इस चुनाव में इज़हारुल हुसैन को 61,078 वोट मिला और स्वीटी सिंह को उन्होंने 1,381 वोट से हरा दिया.
जातीय और सामाजिक समीकरण
किशनगंज विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता बहुल हैं, जो कुल मतदाताओं का लगभग 70% हैं. इसके अलावा यादव, कुशवाहा और दलित मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं. कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम-यादव समीकरण को साधकर तीनों चुनावों में जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी लगातार इस समीकरण को तोड़ने की कोशिश करती रही है.
बिहार के सीमांचल इलाके में स्थित किशनगंज विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील और चर्चा में रहने वाला क्षेत्र रहा है. यहां के मतदाताओं ने बीते तीन विधानसभा चुनावों (2010, 2015 और 2020) में स्पष्ट रूप से अपनी प्राथमिकताओं को दर्शाया है. लगातार तीन बार कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर जीत हासिल कर अपना दबदबा बनाए रखा है, लेकिन हर बार मुकाबला कांटे का रहा.