हरनौत विधानसभा चुनाव 2025 (Harnaut Assembly Election 2025)
हरनौत: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण इस विधानसभा में उनकी नीतियों ने विकास की दिशा निर्धारित की है. पिछले तीन चुनाव से जदयू के टिकट पर हरि नारायण सिंह विधायक चुने जा रहे हैं. वैसे यह सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर की शुरुआत स्थल भी रही है.
हरनौत विधानसभा सीट बिहार के नालंदा जिले में स्थित है और यह नालंदा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इस सीट का गठन 1977 में हुआ था, और यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर की शुरुआत स्थल भी रही है. नीतीश कुमार ने 1985 और 1995 में यहां से चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई थी. 2005 के बाद से यह सीट जेडीयू का गढ़ बन गई है.
2010 हरनौत विधानसभा चुनाव(Harnaut Assembly Election)
2010 में जेडीयू के उम्मीदवार हरि नारायण सिंह ने 56,827 वोट प्राप्त कर एलजेपी के अरुण कुमार को 15,042 वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार अनिल सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.
2015 हरनौत विधानसभा चुनाव(Harnaut Assembly)
2015 के चुनाव में भी हरि नारायण सिंह ने जेडीयू के टिकट पर जीत हासिल की. उन्होंने 71,933 वोट प्राप्त किए, जबकि एलजेपी के अरुण कुमार को 57,638 वोट मिले. इस चुनाव में नोटा (None of the Above) को 5,523 मत प्राप्त हुए थे, जो यह दर्शाता है कि कुछ मतदाता विकल्पों से असंतुष्ट थे.
2020 हरनौत विधानसभा चुनाव(Harnaut Vidhan Sabha)
2020 में भी हरि नारायण सिंह ने जेडीयू के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस के कुंदन कुमार को हराया, जो महागठबंधन का हिस्सा थे.
चुनावी मुद्दे और सामाजिक ताना-बाना
हरनौत विधानसभा क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि आधारित है, और यहां के मतदाता रोजगार, सड़क निर्माण और बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. हालांकि, कुछ गांवों में सड़क निर्माण की स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण है.
निष्कर्ष
हरनौत विधानसभा सीट पर जेडीयू की लगातार जीत यह दर्शाती है कि पार्टी ने यहां मजबूत आधार तैयार किया है. नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत यहीं से हुई थी, और उनकी नीतियों ने इस क्षेत्र में विकास की दिशा निर्धारित की है. आगामी चुनावों में भी इस सीट पर जेडीयू की स्थिति मजबूत रहने की संभावना है.