डुमरांव विधानसभा चुनाव 2025 (Dumraon Assembly Election 2025)
बिहार के बक्सर जिले की प्रमुख विधानसभा सीट डुमरांव, बीते तीन विधानसभा चुनावों में बदलते राजनीतिक समीकरणों और जनभावनाओं का प्रतीक रही है. यहां का चुनावी मिजाज न सिर्फ राज्य की राजनीति को प्रभावित करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि मतदाता विकास और उम्मीदवार की छवि के आधार पर फैसला लेते हैं.
डुमरांव विधानसभा चुनाव 2010(Dumraon Assembly Election)
2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के डॉ. दाऊद अली ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुनील कुमार को 19,846 वोटों से हराया.यह चुनाव उस समय की नीतीश सरकार की लोकप्रियता के बल पर लड़ा गया और जीत भी उसी का परिणाम थी. इस चुनाव में डॉ. दाऊद अली को 42,538 वोट मिले, जबकि सुनील कुमार को 22,692 वोट प्राप्त हुए.
डुमरांव विधानसभा चुनाव 2015 (Dumraon Vidhan Sabha)
2015 के चुनाव में जेडीयू ने महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और ददन यादव ने रालोसपा के राम बिहारी सिंह को हराकर पार्टी की स्थिति को और मजबूत किया. उन्होंने 81,081 वोट हासिल किए और 30,339 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. 2015 में ददन यादव को 81,081 वोट मिले, जबकि राम बिहारी सिंह को 50,742 वोट प्राप्त हुए.
डुमरांव विधानसभा चुनाव 2020 का मुकाबला
2020 के चुनाव में कहानी में नया मोड़ आया। इस बार वामपंथी दल सीपीआई (एमएल) के अजीत कुमार सिंह ने महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और जेडीयू की अंजुम आरा को हराया. अजीत को 71,320 और अंजुम को 46,905 वोट मिले. जीत का अंतर 24,415 रहा.
अब नजरें 2025 के विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं. जेडीयू अपनी पुरानी पकड़ वापस पाने की कोशिश करेगी, जबकि महागठबंधन खासकर सीपीआई (एमएल) अपनी जीत को दोहराना चाहेगा. डुमरांव सीट पर जातीय समीकरण, किसान मुद्दे, युवाओं के लिए रोजगार और स्थानीय विकास जैसे मुद्दे निर्णायक भूमिका निभाएंगे.