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ढाका विधान सभा चुनाव 2025
(Dhaka Vidhan Sabha Chunav 2025)
ढाका विधानसभा: राजनीति का रणक्षेत्र, जहां हर चुनाव में बदलती है किस्मत!
ढाका विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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ढाका विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
ढाका विधानसभा क्षेत्र में हर चुनाव एक नया इतिहास रचता है. यहां की राजनीति में कभी भी कोई भी दल किसी भी समय अपनी पकड़ बना सकता है. भा.ज.पा., राजद, जेडीयू, और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच बार-बार संघर्ष देखने को मिलता है. यह क्षेत्र बारी-बारी से विभिन्न दलों के हाथों में चला जाता है, और यही इसकी खासियत है.
बिहार के शिवहर जिले में स्थित ढाका विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही राजनीतिक संघर्षों और दिलचस्प मोड़ों का गवाह रहा है. यहां के चुनाव न सिर्फ राज्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि हर बार कुछ नया देखने को मिलता है. इस विधानसभा क्षेत्र में जीत और हार का खेल कभी भी एकतरफा नहीं होता. हर चुनाव में यहां की राजनीति में हलचल होती है, और विभिन्न दलों के उम्मीदवारों के बीच तगड़ी टक्कर देखने को मिलती है. आइए जानते हैं ढाका विधानसभा के पिछले तीन चुनावों के परिणाम और इस क्षेत्र की राजनीति के बारे में.
2020 चुनाव: भाजपा ने मारी बाजी!
2020 के विधानसभा चुनाव में ढाका विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के उम्मीदवार पवन कुमार जायसवाल ने शानदार जीत हासिल की. उन्होंने राजद के फैसल रहमान को हराया, जो इस क्षेत्र में प्रभावशाली रहे थे. पवन ने 99,792 वोटों के साथ 48.01 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की. वहीं फैसल रहमान को 89,678 वोट मिले, जो कि 43.15 प्रतिशत थे. पवन की जीत का अंतर सिर्फ 10,114 वोट था, लेकिन यह साबित करता है कि इस क्षेत्र में चुनाव कभी भी बेहद कांटे की टक्कर होते हैं.
2015 चुनाव: राजद का सिक्का चलता है!
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में राजद के फैसल रहमान ने अपनी जीत का परचम लहराया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के पवन कुमार जायसवाल को हराया. फैसल ने 87,458 वोटों के साथ 47 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की, जबकि पवन को 68,261 वोट मिले, जो कि 37 प्रतिशत थे. फैसल की जीत का अंतर 19,197 वोट था, जो कि काफी बड़ा था. इस चुनाव में राजद ने सत्ता की बागडोर संभाली और ढाका क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की.
2010 चुनाव: निर्दलीय उम्मीदवार की मिर्ची!
2010 के चुनाव में कुछ अलग हुआ. इस बार पवन कुमार जायसवाल, जो पहले भाजपा के उम्मीदवार थे, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतरे और इस क्षेत्र की राजनीति में एक नया मोड़ दिया. उन्होंने जेडीयू के फैसल रहमान को हराया और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. पवन ने 48,100 वोटों के साथ 38 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की, जबकि फैसल को 48,451 वोट मिले, जो कि 37 प्रतिशत थे. पवन की जीत का अंतर सिर्फ 1,649 वोट था, जो दर्शाता है कि इस चुनाव में जीत-हार के बीच का अंतर बहुत छोटा था.
राजनीति का बदलता रंग
यहां के चुनावों की एक और दिलचस्प बात यह है कि यह क्षेत्र सवर्ण, मुसलमान, और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं के बीच संतुलित है। यही कारण है कि यहां के चुनाव में कोई भी दल लगातार नहीं जीत सकता. जैसे-जैसे चुनावों की तारीख नजदीक आती है, ढाका विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में हलचल तेज होती है. चुनावी मैदान में कौन सी पार्टी विजयी होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो तय है, ढाका विधानसभा के चुनाव में रोमांच और टक्कर हमेशा देखने को मिलेगी.