नवादा विधानसभा चुनाव 2025 (Nawada Assembly Election 2025)
नवादा: 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की प्रत्याशी विभा देवी ने इस सीट से बड़ी जीत दर्ज की. वह पूर्व विधायक और बाहुबली नेता राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं. नवादा विधानसभा सीट पर अगर पिछले तीन चुनावों का विश्लेषण किया जाए, तो यह साफ हो जाता है कि यहां यादव वोटरों की मजबूत पकड़ है.
बिहार की नवादा विधानसभा सीट इन दिनों राजनीतिक चर्चाओं में है. यह सीट न सिर्फ क्षेत्रीय राजनीति का केंद्र बनी हुई है, बल्कि यादव परिवार के प्रभाव का भी गवाह रही है. पिछले तीन विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो यह स्पष्ट होता है कि इस सीट पर एक खास राजनीतिक घराने का दबदबा कायम रहा है.
2020: विभा देवी ने रचा इतिहास
2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की प्रत्याशी विभा देवी ने बड़ी जीत दर्ज की. उन्हें कुल 72,435 वोट मिले और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी शरवण कुमार को लगभग 23,000 वोटों के अंतर से हराया. यह जीत यादव परिवार के लिए बेहद अहम मानी गई क्योंकि विभा देवी, पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं.
2015: राजवल्लभ यादव की वापसी
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर राजवल्लभ यादव ने शानदार जीत दर्ज की थी. उन्होंने 88,235 वोट हासिल किए और नवादा सीट पर अपनी मजबूत पकड़ को और पुख्ता किया. हालांकि, बाद में एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण उन्हें अपनी विधायकी गंवानी पड़ी.
2010: पूर्णिमा यादव का जदयू से उदय
इससे पहले 2010 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की प्रत्याशी पूर्णिमा यादव ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने उस समय 46,568 वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंदियों को मात दी थी. यह चुनाव यादव परिवार की राजनीतिक विरासत को विराम देने जैसा माना गया था, लेकिन 2015 में फिर से परिवार की वापसी हो गई.
क्या फिर यादव बनाम बाकी?
नवादा विधानसभा सीट पर अगर पिछले तीन चुनावों का विश्लेषण किया जाए, तो यह साफ हो जाता है कि यहां यादव वोटरों की मजबूत पकड़ है. यही कारण है कि अधिकतर राजनीतिक दल यादव समुदाय के उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारते हैं. जैसे-जैसे 2025 का विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं. क्या यादव परिवार अपनी पकड़ बनाए रखेगा या इस बार कोई नया चेहरा बाज़ी मारेगा? यह देखना दिलचस्प होगा.