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Bangladeshi Infiltration: भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन हो रहा है. दिल्ली पुलिस ने एक हैंडलर चांद मियां को पकड़कर इस रैकेट का खुलासा किया है. चांद मियां की निशानदेही पर चेन्नई से 33 अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए हैं. इसके अलावा गुजरात के वालसाड, राजस्तान के सीकर में ईंट के भठ्ठे पर काम करने वाले बांग्लादेशी भी पकड़े गए हैं. दिल्ली में घुसपैठ का भंडाफोड़ किया है. उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनफूलपुरा इलाके से 50 से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गए हैं. ये एक कमरे बंद थे और कमरा बाहर से बंद था. पूछताछ में सबसे कॉमन बात जो सामने आई है, वो इनके भारत सीमा में घुसने के बाद स्थानीय मदद से भारतीय पहचान पत्र बनवाकर देश के विभिन्न स्थानों पर भेजना है.
स्थानीय मदद से बनती है आईडी
दिल्ली पुलिस को चांद मियां से पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है. उसके अनुसार वो 12 साल से बांग्लादेशियों को भारत में लाने का काम कर रहा है. वह हर महीने बांग्लादेश जाता था और 10 से 12 बांग्लादेशियों को वहां से भारतीय सीमा पार कराकर दिल्ली लाता था. इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में भेज देता था. चांद मियां की निशानदेही पर पकड़े गए बांग्लादेशियों के पास से फर्जी आधार कार्ड, बांग्लादेशी आईडी कार्ड भी बराम हुए हैं. चांद मियां से पूछताछ के आधार पर सीमा में घुसपैठ के रूट पर भी पुलिस व इंटेलीजेंस फोकस कर रही है.
खुले बॉर्डर से हो रही घुसपैठ
बांग्लादेश से भारत के पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्य की सीमाएं लगती है. पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश का लगभग 2272 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है. इसमें लगभग 500 किलोमीटर बॉर्डर ऐसा है जो दुर्गम है और पूरी तरह से खुला है. ये बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए भारत में घुसने का आसान रास्ता है. इसके अलावा असम भी इनके लिए भारत में घुसने का आसान रास्ता बना हुआ है. भारत के राज्यों के अलावा अवैध बांग्लादेशी नेपाल के रास्ते भी भारत में घुसपैठ करते हैं.
इन रास्तों से घुसते हैं भारत में
पश्चिम बंगाल के हुगली, मुर्शिदाबाद, नादिया, बर्धमान, दक्षिण 24 परगना, मालदा बांग्लादेश सीमा से जुड़े हैं. इन राज्यों से बांग्लादेशी अवैध रूप से भारत में घुसते हैं और आसानी से यहां आम लोगों के बीच मिल जाते हैं. कुछ माह पहले मालदा से जुड़ी बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के दौरान बांग्लादेशी नागरिकों ने विरोध भी किया था. यही नहीं बार्डर गार्ड बांग्लादेश ने भी कंटीली बाड़ लगाने को लेकर बहस की थी. इसके बाद वहां बीएसएफ को लगाना पड़ा था. बिहार के सीमांचल के चार जिलों किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया में बांग्लादेशी आम लोगों में घुलमिल रहे हैं. इसी तरह असम के नलबाड़ी, कछार, कामरूप में भी बांग्लादेशियों ने घुसपैठ की है. यहां 9 जिलों बारपेटा, धुबरी, दरांग, करीमगंज, दारंग, मोरीगांव, बोंगाईगांव, गोलपारा और लाकांडी में इनकी खासी तादाद देखी जा सकती है. झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस मामले को इन दिनों उठाया हुआ है.
भारत में कितने बांग्लादेशी?
भारत में कितने बांग्लादेशी हैं, इसका अनुमान लगाना कठिन है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2001 की जनगणना में अंतिम निवास स्थान के आधार पर 31 लाख बांग्लादेशी नागरिकों की जानकारी सामने आई थी. इसके बाद 2007 में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने संसद में एक आंकड़ा पेश करते हुए बताया था कि भारत में 1.2 करोड़ बांग्लादेशी मुसलमान हैं. लेकिन बाद में उन्होंने आंकड़ों के स्रोत को गलत बताते हुए अपना बयान वापस ले लिया था. इसके बाद सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर जोगिंदर सिंह ने 2014 में कहा था कि भारत में 5 करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं.
वीजा लेकर आने वाले भी हो रहे हैं गुम
वीजा लेकर भी आते हैं लेकिन वापस नहीं जाते
अवैध रूप से सीमा पार करके भारत में घुसने के अलावा भी बांग्लादेशी भारत में प्रवेश रहे हैं. भारत में वीजा लेकर आने वाले बांग्लादेशियों संख्या लाखों में है. ये इलाज व टूरिस्ट वीजा पर भारत आते हैं, इसके बाद समय पूरा होने के बावजूद वापस नहीं लौटते हैं. बीते कुछ सालों में वीजा लेकर आने वाले और फिर लापता हो जाने वाले बांग्लादेशियों की संख्या एक लाख से ऊपर बतायी जा रही है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि 1 जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 के बीच बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल की 2601 बांग्लादेशियों को पकड़ा था. इसमें सितंबर 2024 में 300, अक्टूबर 2024 में 331, नवंबर 2024 में 310, दिसंबर 2024 में 253 और जनवरी 2025 में 176 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए थे. इन सब को वापस बांग्लादेश भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
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