15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की अधीनता से आजाद हुआ था. भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य इसी दिन बना था. स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का परिणाम है कि हम आज एक आजाद देश में रह रहे हैं. आजादी के वक्त देश कई मायनों में पिछड़ा था, चाहे हम बात शिक्षा की करें, पोषण की करें या फिर आर्थिक स्थिति की. पूरे देश के सर्वांगीण विकास के लिए हमारे नेताओं ने नीतियां बनायीं और उनपर काम किया.
आजादी के अमृत महोत्सव काल में हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हमने कितना विकास किया और आजादी के क्या मायने हमारे लिए हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक स्थिति की समीक्षा बहुत जरूरी है क्योंकि यह जीवन की बुनियादी चीजों का आधार है. देश को लगातार तरक्की के पथ पर अग्रसर करने के लिए भी हमें उस मूल मंत्र को याद रखना है, जो हमारे अमर शहीदों और राष्ट्र निर्माताओं ने हमें दिये थे. स्वतंत्रता दिवस का जश्न तभी सार्थक होगा जब हम अपने देश को लगातार एकजुट रखें और भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बना पायें.