विकास के दृष्टिकोण से मायूस रहा वर्ष 2015 पुपरी. बदहाल स्वास्थ्य सेवा, चरमरायी शिक्षा व्यवस्था, बिजली की आंखमिचौनी व राजनीतिक उथल-पुथल बीते वर्ष की पहचान रहा है. हत्या जैसे संगीन मामले में संलिप्त अपराधी पुलिस के पकड़ से बाहर रहा. अनुमंडल मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर सरकार द्वारा रोगियों को बेहतर सेवा मुहैया कराने का दावा खोखला रहा. स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर इलाज के लिए कई विभाग खोले गए, लेकिन दवा और न समुचित रूप से चिकित्सक की व्यवस्था की गई. आलम यह रहा कि स्वास्थ्य केंद्र के आउट डोर में 32 व इनडोर में 36 प्रकार की दवाओं की सूची में मात्र 8 प्रकार की दवा उपलब्ध है. फलस्वरूप दो रुपये लिये गये परची पर रोगी मुफ्त परामर्श लेकर निराश मन से घर लौटने को विवश है. अनुमंडल मुख्यालय स्थित एलएम हाइस्कूल एवं प्रोजेक्ट बालिका हाइस्कूल में पठन-पाठन पूरी तरह ठप रहना बीते वर्ष 2015 की पहचान रहा है. भवन के अभाव में छात्रों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में है. सांसद व विधायक पद पर आसीन व्यक्ति के सान्निध्य में राजनीति करने वाले सत्ता बदलते हीं भूमिगत होने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर एक दशक से राजनीतिक रूप से भूमिगत कार्यकर्ता नये जोश-खरोस से क्षेत्र में आ डटे हैं. वर्ष 2015 के नाम क्षेत्र में एक भी विकास का कार्य नहीं हो सका, जिसके चलते विकास के दृष्टिकोण से सबसे मायूस रहा बिता हुआ साल. हत्या के दो मामले में संलिप्त अपराधियों की धरपकड़ में पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली.
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विकास के दृष्टिकोण से मायूस रहा वर्ष 2015
विकास के दृष्टिकोण से मायूस रहा वर्ष 2015 पुपरी. बदहाल स्वास्थ्य सेवा, चरमरायी शिक्षा व्यवस्था, बिजली की आंखमिचौनी व राजनीतिक उथल-पुथल बीते वर्ष की पहचान रहा है. हत्या जैसे संगीन मामले में संलिप्त अपराधी पुलिस के पकड़ से बाहर रहा. अनुमंडल मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर सरकार द्वारा रोगियों को बेहतर सेवा मुहैया कराने का […]
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