गबन : बीइओ व दो प्रधान पर प्राथमिकी — डीएम के आदेश पर करायी गयी थी जांच — जदयू जिलाध्यक्ष ने की थी शिकायत परिहार : डीएम राजीव रौशन के आदेश के आलोक में डीपीओ स्थापना प्रेमचंद्र ने बीइओ विजय कुमार सिंह, प्राथमिक विद्यालय जगदर के प्रधान शिक्षक मो उसैद आलम व प्राथमिक विद्यालय रैनपुर टोले रमनयका के प्रधान शिक्षक खुरसीद आलम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. सरकारी राशि के गबन को ले उक्त कार्रवाई की गयी है. खास बात यह कि आरोपित दोनों प्रधान शिक्षक सहोदर भाई हैं. — क्या है पूरा मामला जदयू जिलाध्यक्ष रामजीवन प्रसाद ने डीएम से मिल कर लिखित तौर पर शिकायत की थी कि उक्त दोनों स्कूलों के अलावा प्राथमिक विद्यालय, कुनइया में फर्जी बच्चों के बीच भी छात्रवृत्ति व पोशाक राशि का वितरण किया गया है. डीएम ने मामले की जांच करायी तो सब कुछ खुल कर सामने आ गया. — 6.63 लाख की अवैध निकासी प्रधान शिक्षक खुर्शीद आलम ने स्कूल के खाते में पोशाक व छात्रवृत्ति मद में आये सात लाख 20 हजार 300 रुपये में से 6.63 लाख की निकासी कर ली गयी थी. जिला कल्याण विभाग ने उक्त राशि खाता में 24 व 27 जुलाई को भेजी थी. प्रधान ने 24 व 27 जुलाई एवं नौ अगस्त को यानी तीन बार में राशि की निकासी कर ली थी. जांच टीम का मानना है कि हो सकता है भूल वश राशि की निकासी कर ली गयी हो, पर यह सच है कि मामला प्रकाश में आने के बाद प्रधान शिक्षक ने एक दिसंबर 15 को उक्त राशि खाते में जमा कर दी थी. इस तरह प्रधान शिक्षक वित्तीय गबन के लिए दोषी हैं. — 17 बच्चों को अवैध भुगतान जांच में मिला कि वर्ष 15-16 में नामांकित 588 बच्चे हैं, जबकि 605 को छात्रवृत्ति का लाभ दिया गया. इस तरह 300 रुपये की दर से 17 वैसे बच्चों के बीच 5100 का वितरण कर दिया गया, जिनका नामांकन हीं नहीं था. प्रधान मो खुर्शीद आलम ने वर्ष 14-15 में छात्रवृत्ति वितरण में काफी दिलेरी दिखायी थी. यानी नामांकित 261 में से 261 के बीच छात्रवृत्ति का वितरण कर दिया था. वर्ष 15-16 में नामांकित 588 में से 543 के बीच पोशाक राशि का वितरण किया गया. कम बच्चों को पोशाक राशि क्यों दी गयी, का खुलासा प्रधान नहीं कर सके थे. — जगदर के प्रधान पर आरोप प्राथमिक विद्यालय, जगदर के प्रधान शिक्षक मो उसैद आलम ने भी वर्ष 2014-15 मंे छात्रवृत्ति व पोशाक राशि के वितरण में पूरा दिल खोल दिया था. हद तो यह कि नामांकित से अधिक बच्चों के बीच राशि का वितरण कर दिया था. जांच में पकड़ा गया कि नामांकित 433 बच्चे हैं, जबकि 475 के बीच राशि वितरित की गयी. यानी बिना नामांकन वाले 42 बच्चों के बीच 20 हजार 900 रुपये का वितरण किया गया. — क्या है बीइओ पर आरोप बीइओ श्री सिंह पर भी गंभीर आरोप है. डीएम ने उनके निलंबन का आदेश दिया है. इस दिशा में भी जिला स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. कहा गया है कि बीइओ श्री सिंह ने प्राथमिक विद्यालय रैनपुर के एससी, एसटी, बीसी व ईबीसी कोटि के बच्चों के लिए फर्जी मांग पत्र तैयार कर जिला कल्याण कार्यालय को भेजा था. इस तरह बीइओ ने अपने पद का दुरुपयोग भी किया. जांच रिपोर्ट में जिला कल्याण कार्यालय की भी भूमिका कि गहन जांच की अनुशंसा की गयी है. कारण कि कल्याण कार्यालय द्वारा बिना जांच के मांग पत्र के आलोक में प्रावि रैनपुर के खाते में राशि डाल दी गयी थी. बॉक्स में :- इन पर भी प्राथमिकी तय परिहार : डीएम के आदेश पर जांच टीम प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, कुनइया में भी जांच को पहुंची थी. प्रधान शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने पोशाक राशि व छात्रवृत्ति वितरण का पंजी टीम को नहीं दिखाया था. पता चला कि वर्ष 14-15 में 245 बच्चे नामांकित थे तो वर्ष 15-16 में 193. बैंक खाता को खंगाला गया तो सामने आया कि वर्ष 13-14 में 7.46 लाख, वर्ष 14-15 में 7 लाख 40 हजार 600 एवं वर्ष 15-16 में 19 लाख 93 हजार 300 रुपये की निकासी की गयी थी. टीम का मानना है कि नामांकित बच्चों से अधिक की राशि निकासी कर गबन कर ली गयी होगी. प्रधान धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ बेला थाना में प्राथमिकी होनी है. थानाध्यक्ष राजेश चौधरी ने बताया कि वे फिलहाल सिरसिया गांव में है. थाना पर पहुंच आवेदन देखने के बाद प्राथमिकी की कार्रवाई की जायेगी.
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गबन : बीइओ व दो प्रधान पर प्राथमिकी
गबन : बीइओ व दो प्रधान पर प्राथमिकी — डीएम के आदेश पर करायी गयी थी जांच — जदयू जिलाध्यक्ष ने की थी शिकायत परिहार : डीएम राजीव रौशन के आदेश के आलोक में डीपीओ स्थापना प्रेमचंद्र ने बीइओ विजय कुमार सिंह, प्राथमिक विद्यालय जगदर के प्रधान शिक्षक मो उसैद आलम व प्राथमिक विद्यालय रैनपुर […]
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