गोगरी: लगभग एक माह पूर्व हुए ओला वृष्टि ने किसानों के मेहनत नर पानी ही फेर दिया. ओला वृष्टि ने अनुमंडल क्षेत्र में फसलों को व्यापक क्षति पहुंचायी थी. हजारों एकड़ में लगी गेहूं मकई, सरसों व अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ था. इसका मुआवजा पाने में किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उक्त प्राकृतिक कहर से दियारा क्षेत्र में व्यापक तौर पर फसलों की क्षति हुई. इससे किसान रोने को विवश हंै.
वहीं सरकारी स्तर पर भी ओला वृष्टि को लेकर उदासीन बनी है. किसानों द्वारा आंदोलन व सड़क जाम किये जाने के बाद गोगरी में कर्मचारी द्वारा फसल क्षति का सर्वेक्षण कराया गया. वहीं हाल अनुमंडल के परबत्ता व बेलदौर प्रखंड का भी रहा. -कहते हैं किसान बंदेहरा के किसान राजेंद्र पंडित के अनुसार ओला वृष्टि से गेहूं व मकई के फसल के अलावा रैंची आदि फसल को व्यापक क्षति हुई है. लेकिन अब तक मुआवजा को लकर कोई खास कार्रवाई नहीं हुई. पसराहा के मिथिलेश सिंह ने बताया कि ओला वृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान दियारा व चौर इलाके में हुआ है. किसानों द्वारा फसल क्षतिपूर्ति की मांग के बाद तत्काल क्षति का सर्वे तो कराया गया है.
राशि कब दी जायेगी कहना मुश्किल है. पितौंझिाया के राज किशोर कुमार ने कहा कि ओला वृष्टि ने किसानों को रोने पर मजबूर कर दिया है. सरकारी स्तर पर फसल क्षति पूर्ति अगर मिल भी जाती है, तो भी किसानों के क्षति की भरपायी नहीं होगी कारण क्षति पूर्ति तो पूरी व ऊपज के अनुसार तो नहीं मिलेगी. विजेंद्र यादव उर्फ विजन ने कहा कि कटघरा दियारा में ओला वृष्टि व्यापक क्षति हुई, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान हीं नहीं दे रहे हंै.