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ग्राहकों का हित कौन देखे, लिपिक के जिम्मे माप-तौल कार्यालय

माप-तौल निरीक्षक हैं कई जिलों के प्रभार में, सप्ताह में एक दिन बैठते हैं कटिहार में कटिहार : दुकानदारों व व्यवसायियों को मापतौल के लिए इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन अथवा बटखरा को मापतौल कार्यालय के द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है, पर कटिहार जिले का एकमात्र माप तौल कार्यालय सरकारी उदासीनता का शिकार बनकर रह गया […]

माप-तौल निरीक्षक हैं कई जिलों के प्रभार में, सप्ताह में एक दिन बैठते हैं कटिहार में

कटिहार : दुकानदारों व व्यवसायियों को मापतौल के लिए इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन अथवा बटखरा को मापतौल कार्यालय के द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है, पर कटिहार जिले का एकमात्र माप तौल कार्यालय सरकारी उदासीनता का शिकार बनकर रह गया है. जिला मुख्यालय में माप-तौल कार्यालय ऐसी जगह पर स्थित है कि अधिसंख्य लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है. शहर के तीनगछिया स्थित बाजार समिति के एक जीर्ण-शीर्ण कमरे में जिला माप तौल कार्यालय संचालित है. जिला माप तौल कार्यालय को अपना भवन भी नहीं है, बल्कि स्वीकृत पद के विरुद्ध भी अधिकारियों व कर्मियों का पदस्थापन नहीं है.
जिला कार्यालय में जिला स्तरीय पदाधिकारी सहायक नियंत्रक होते है. पर यह पद वर्षों से खाली पड़ा हुआ है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार मापतौल निरीक्षक के बदौलत ही पूरा जिला माप-तौल कार्यालय चल रहा है. अन्य पदों में लिपिक एवं अनुसेवक का पद भी स्वीकृत पद के विरुद्ध खाली है. स्थानीय सूत्रों की माने तो जिले में करीब 2392 से अधिक अनुज्ञाप्तिधारी दुकानदार या व्यापारी है. जो एक मात्र माप तौल निरीक्षक के भरोसे चल रहा है. हालांकि बड़ी संख्या में व्यवसायी माप-तौल को लेकर लाइसेंस लेने के इच्छुक है. पर नियमित रूप से अधिकारी के नहीं रहने से ऐसे इच्छुक व्यवसायी थक हार कर लौट जाते हैं.
गुरुवार को तीनगछिया के बाजार समिति स्थित माप तौल कार्यालय जायजा लिया गया, तो वहां ताला लटक रहा था. कार्यालय के बाहर एक नोटिस चस्पा था, जिस पर सिर्फ सोमवार को ही कार्यालय में अनुज्ञप्ति व वजन संबंधी मशीन या बटखरा के सत्यापन की सूचना थी. माप तौल से जुड़े अन्य कार्य इसी दिन किये जायेंगे. यानी सप्ताह में एक दिन ही कार्यालय में माप तौल संबंधी कार्य का निष्पादन होता है.
2392 व्यवसायी है लाइसेंसधारी
जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में माप तौल कार्यालय से लाइसेंसप्राप्त व्यवसायियों की संख्या करीब 2392 से अधिक है. जानकारी के मुताबिक इसमें इलेक्ट्रॉनिक वजन वाले लाइसेंसधारी को हर साल सत्यापन करना पड़ता है. जबकि बटखरा वाले लाइसेंसधारी को दो साल में निर्धारित प्रक्रिया के तहत सत्यापन करना पड़ता है. साथ ही माप-तौल के जिला कार्यालय में स्वीकृत पद के विरुद्ध कम कर्मचारी-अधिकारी के होने की वजह से काम करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.सत्यापन के लिए भी व्यवसायियों को चक्कर लगाना पड़ता है.
लाइसेंस के लिए भी व्यवसायियों को लगाना पड़ता है चक्कर
वजन के उपयोग के लिए लाइसेंस लेना है जरूरी
अगर कहीं कोई दुकान या व्यापार में किसी तरह का वजन मशीन या बटखरा का उपयोग होता है तो उसके लिए लाइसेंस लेना जरुरी है. जिला माप-तौल कार्यालय ऐसे व्यापार एवं दुकान में उपयोग के लिए वजन को लेकर लाइसेंस निर्गत करती है. जिला स्तर पर जिला माप तौल कार्यालय में सहायक नियंत्रक का पद सृजित है. हालांकि यह पद वर्षों से खाली पड़ा हुआ है. राज्य कार्यालय पटना में पदस्थापित उप नियंत्रक कटिहार जिला के प्रभार में है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला माप तौल का कार्यालय के संचालन में कितनी परेशानी होती होगी.
कार्यालय कहां है अधिसंख्या को पता नहीं, कई पद भी हैं खाली
शहर के तीनगछिया स्थित बाजार समिति के प्रांगण में स्थित एक जर्जर कमरे में जिला माप तौल कार्यालय का संचालन हो रहा है. इस कार्यालय में जिला स्तर पर सहायक नियंत्रक का पद सृजित है, जो जिला स्तरीय पदाधिकारी कहलाता है. यह पद वर्षो से खाली पड़ा हुआ है. पटना कार्यालय के उप नियंत्रक कटिहार जिला के प्रभार में है. जबकि माप तौल निरीक्षक का दो पद सृजित है. इसमें से एक पद खाली पड़ा हुआ है. जबकि एक माप तोल निरीक्षक के पद पर डॉ दयानंद सिंह कार्यरत है. इनके जिम्मे में सहरसा व अन्य कुछ जिला का भी प्रभार है. लिपिक के 3 पद के विरुद्ध मात्र एक पद पर लिपिक कार्यरत है. दो पद खाली है. इसी तरह अनुसेवक के दो पद के विरुद्ध दोनों पद खाली है. यानी एक लिपिक के भरोसे माप तौल कार्यालय चल रहा है. हालांकि गुरुवार को वह भी कार्यालय में नहीं थे. कार्यालय में ताला लटक रहा था.
कई जिलों का है प्रभार
आधारभूत संरचना कमी से परेशानी होती है. जो भी संसाधन हैं, उन्हीं के आधार पर सरकार के दिशा निर्देश कार्य को निष्पादित किया जाता है. वह अभी सहरसा में है. कटिहार सहित उनके जिम्मे कई जिलाें का प्रभार है. कटिहार में वह सोमवार को बैठते हैं. इसी एक दिन में माप तौल से संबंधित कार्यों का निष्पादन होता है. कार्यालय में एक लिपिक हैं. गुरुवार को वह अवकाश पर थे.
डॉ दयानंद सिंह, माप-तौल निरीक्षक

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