24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

किसानों को नहीं मिल रही बीमा की राशि

कटिहार : जिले में केंद्र व राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसल की क्षति हो जाने के आलोक में मुआवजा राशि देने के लिए कई तरह की पहल की है. इसमें से एक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है. पर, कटिहार जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दम तोड़ रही है. एक तो प्रधानमंत्री फसल […]

कटिहार : जिले में केंद्र व राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसल की क्षति हो जाने के आलोक में मुआवजा राशि देने के लिए कई तरह की पहल की है. इसमें से एक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है. पर, कटिहार जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दम तोड़ रही है. एक तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी किसानों को अधिक नहीं है, लेकिन जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कराया है, उन्हें भी फसल की क्षति होने के बाद फसल बीमा नहीं मिलता है.

खासकर वर्ष 2017 में खरीफ फसल के बीमित किसान की स्थिति परेशान करने वाली है. उल्लेखनीय है कि बाढ़ ने किसानों की खरीफ की फसल बरबाद कर दी थी. किसान फसल बीमा इसलिए कराते हैं कि उन्हें फसल का नुकसान होने पर मुआवजा मिल सके. पर, ऐसा नहीं हो रहा है. आपदा के तहत वैसे गैर बीमित किसानों को 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा रहा है. जबकि बीमित किसान इस से वंचित है.
दूसरी तरफ बीमा कंपनी भी ऐसे बीमित किसानों की सुधि भी अब तक नहीं ली है. उल्लेखनीय है कि किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी ऋणधारकों के बैंक खाते से बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि संबंधित बैंक के द्वारा में दे दी गई है. पर बीमा कंपनी की ओर से अब तक फसल क्षतिपूर्ति के आकलन को लेकर कोई पहल नहीं हुई है.
जिला स्तर पर फसल बीमा के लिए नोडल पदाधिकारी के रुप में जिला जिला सहकारिता पदाधिकारी को दायित्व दिया गया है. जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनुसार, जिले में खरीफ 2017 के तहत 6355 किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ा गया. जानकारी के मुताबिक हर साल अलग-अलग फसलों के लिए राज्य सरकार अलग-अलग बीमा कंपनी को फसल बीमा करने का करने का दायित्व देती है. खरीफ 2017 का फसल बीमा एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया के द्वारा किया गया है. बीमित किसान फसल क्षतिपूर्ति के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है. डीएम को भी मांग पत्र दिया गया. पर अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है. प्रभात खबर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की ग्राउंड रियलिटी को जानने की कोशिश की है. पहली किस्त के रूप में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पड़ताल करती ये रिपोर्ट.
नहीं मिल रहा क्षति का लाभ
वर्ष 2017 में जब बाढ़ आयी तो किसानों की खरीफ फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया. किसान त्राहिमाम कर रही है. रिलीफ कोड के तहत गैर बीमित किसानों को 13500 रुपया प्रति हेक्टेयर के दर से अधिकतम दो हेक्टेयर तक फसल क्षतिपूर्ति के रूप में मुआवजा राशि देने का प्रावधान किया गया. ऐसे प्रभावित किसानों को बैंक के माध्यम से उसके खाते में राशि भेजी भी जा रही है. पर बीमित किसानों के फसल नुकसान पर रिलीफ कोड के तहत मिलने वाली राशि प्राप्त नहीं हो रही है. कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने इससे संबंधित पत्र जारी कर स्पष्ट किया था कि फसल बीमा योजना से आच्छादित किसानों को रिलीफ कोड के तहत क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं दिया जायेगा. प्रधान सचिव के उसी पत्र के आलोक में किसानों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही क्षतिपूर्ति के लाभ से बीमित किसानों को वंचित होना पड़ा है. दूसरी तरफ बीमा कंपनी भी किसानों के फसल क्षति पर मुआवजा नहीं दे रही है.
लाभ मिले या न मिले, पर बैंक से कट जाती है प्रीमियम की राशि
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है. इसके क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न स्तरों पर पहल की जाती है. पर जमीनी स्तर पर इसका कुछ असर नहीं दिख रहा है. किसानों को इस योजना के बारे में एक तो पूरी जानकारी नहीं है. जिन किसानों को योजना के बारे में जानकारी है. वैसे किसान अपनी फसल का बीमा कराती है. पर फसल क्षति होने के बाद बीमा राशि उसको प्राप्त नहीं होती. खासकर केसीसी धारक किसान की बीमा की प्रीमियम राशि संबंधित बैंक द्वारा काट ली जाती है.
बैंक की तरफ से बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि भेज दी जाती है. पर जब फसल का नुकसान होता है तो फसल क्षतिपूर्ति के लिए कहा आवेदन देना है. इसकी कोई व्यवस्था नहीं है. बीमा कंपनी की ओर से भी फसल के व्यापक नुकसान के बाद भी किसी भी तरह का संपर्क बीमित किसानों से नहीं किया जाता है. ऐसे में बीमित किसान अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रहे है. साथ ही बैंक व अधिकारियों के यहां चक्कर भी लगा रहे है. पर कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
जल्द मिलेगी राशि
कटिहार जिले में खरीफ 2017 के तहत 6355 किसानों का फसल बीमा हुआ था. बीमा कंपनी से बात हो रही है. उम्मीद है कि जल्द ही बीमित किसानों को मुआवजा राशि मिलेगी.खबर
संजय कुमार झा, जिला सहकारिता पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
केस स्टडी-1
जिले के प्राणपुर प्रखंड में करीब एक हजार के आसपास किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कराये. खरीफ 2017 के तहत बड़ी तादाद में किसान धान लगाये थे. बाढ़ में धान पूरा नष्ट हो गया. जिन किसानों ने बीमा कराया था, उन्हें अब तक किसी भी तरह की फसल क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं मिला. प्रगतिशील किसान प्रभात कुमार मिश्रा ने करीब एक माह पूर्व डीएम को इस पूरे प्रकरण से अवगत कराया. साथ ही मांग पत्र भी दिया गया, पर अब तक कोई पहल नहीं हुई है. श्री मिश्रा के अनुसार बीमा कंपनी की ओर से अब तक किसी तरह की सुधि नहीं ली गयी है. जबकि कृषि मंत्री ने डीएम को आवश्यक निर्देश भी दिया है.
केस स्टडी-2
डंडखोरा प्रखंड के प्रगतिशील किसान हरिमोहन सिंह, मनीष कुमार यादव आदि ने बताया कि वर्ष 2016 में भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिला. वर्ष 2017 की बाढ़ में तो पूरा धान का फसल ही नष्ट हो गया. फसल बीमा होने की वजह से राज्य सरकार से मिलने वाली क्षतिपूर्ति भी नहीं मिली. फसल बीमा कंपनी भी अब तक फसल का जायजा लेने के लिए नहीं आये है. फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. बैंक का कर्ज कैसे चुकायेंगे.
यह चिंता भी उन्हें सता रही है. साथ ही स्थानीय महाजन से कर्ज लेकर खेती करनी पड़ रही है. इसी प्रखंड के प्रगतिशील किसान हीरालाल साह ने कहा कि फसल बीमा से आच्छादित किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. किसान दोहरी तिहरी मार झेल रही है. आज तक फसल बीमा कराने वाली कंपनी क्षेत्र में नहीं आयी है. बैंक से अपने आप फसल बीमा के लिये के लिये प्रीमियम राशि काट ली जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें