बौंसी . प्रखंड के सुजानी टीकर में आयोजित दो दिवसीय संतमत का जिला वार्षिक अधिवेशन का समापन रविवार को हो गया. आचार्य स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्संग से सद्विचार उत्पन्न होते हंै. धार्मिक एवं अध्यात्मिक गुणों की प्राप्ति होती है. परमगुरुदेव महर्षि के बताये मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि चोरी, हिंसा, नशा को त्याग कर सत्संग के सुविचार ग्रहण करना चाहिए. इसी मंच से समापन सभा को स्वामी वेदानंद जी महाराज, धैर्यानंदजी महाराज, स्वामी योगानंद जी महाराज, स्वामी शाही शरण जी महाराज आदि संतों ने भी संबोधित किया. पंडाल में हजारों सत्संग अनुयायी मंत्रमुग्ध होकर संतो के प्रवचन सुनने में मग्न रहे. पंडाल में संतमत के श्रद्घालुओं की भारी भीड़ थी. सत्संग स्थल पर महर्षि मेंही से संबंधित पुस्तकों तथा फोटो आदि का स्टाल लगाया गया था. इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष निरोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष महेश्वर यादव, संयोजक रामकृष्ण यादव, मनोज कुमार, संतोष कुमार, राम कैलाश, प्रो ललन कुमार, जयनारायण मंडल सहित दर्जनों लोग आयोजन को सफल बनाने में लगे हुए थे.
सत्संग से उत्पन्न होते हैं सद्विचार
बौंसी . प्रखंड के सुजानी टीकर में आयोजित दो दिवसीय संतमत का जिला वार्षिक अधिवेशन का समापन रविवार को हो गया. आचार्य स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्संग से सद्विचार उत्पन्न होते हंै. धार्मिक एवं अध्यात्मिक गुणों की प्राप्ति होती है. परमगुरुदेव महर्षि के बताये मार्ग पर चलने […]
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