1975 में परिसीमन के बाद दाउदनगर विस क्षेत्र का समाप्त हो गया था वजूद
दाउदनगर (अनुमंडल) : आजादी के बाद से 70 के दशक तक दाउदनगर व ओबरा अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र थे. दाउदनगर से हसपुरा प्रखंड जुटा हुआ था. जबकि, ओबरा व बारुण प्रखंड मिलाकर ओबरा विधानसभा क्षेत्र बना था. 1951 के पहले विधानसभा चुनाव में दाउदनगर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी से रामनरेश सिंह विधायक चुने गये थे.
जो पुन: 1967 में भी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे. जबकि, ओबरा विधानसभा क्षेत्र से 1951 में सोशलिस्ट पार्टी के पदारथ सिंह विधायक चुने गये थे.जो पुन: 1969 में भी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक बने. इस अवधि में दाउदनगर व ओबरा विधानसभा क्षेत्रों से कई महान नेताओं को भी प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला.
जानकारी के अनुसार 1975 ई में हुए परिसीमन के बाद दाउदनगर विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया और दाउदनगर से हसपुरा को काटते हुए उसे गोह विधानसभा क्षेत्र से जोड़ा गया. जबकि ओबरा प्रखंड से बारुण को हटाते हुए ओबरा के साथ दाउदनगर को जोड़ा गया जो ओबरा विधानसभा क्षेत्र कहलाया.
1975 से पूर्व तत्कालीन ओबरा विधानसभा क्षेत्र (ओबरा व बारुण प्रखंड) से 1951 में सोशलिस्ट पार्टी के पदारथ सिंह, 1962 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के दिलकेश्वर राम, 1967 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के आरके सिंह, 1969 में प्रजा सोशालिस्ट पार्टी के पदारथ सिंह,1972 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के नरैन सिंह विधायक बने.