26.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

Punjab Haryana Water War: पानी रोका पाकिस्तान का, झगड़ा पंजाब और हरियाणा में, क्या है कारण

Punjab Haryana Water War: सिंधु जल समझौता निलंबित है. पाकिस्तान का पानी रोका जा रहा है. लेकिन पानी के लिए झगड़ा पंजाब और हरियाणा कर रहे हैं. दोनों ही जगह सिंचाई और पीने के पानी के लिए संकट बना हुआ है. लेकिन इसका हल नहीं निकल रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Punjab Haryana Water War: पंजाब और हरियाणा सरकार पानी की आपूर्ति को लेकर विवाद में उलझे हैं. पंजाब की भगवंत मान सरकार भाखड़ा बांध से हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के लिए तैयार नहीं है. ये खींचतान लगभग एक सप्ताह से चल रही है. पंजाब सरकार ने भाखड़ा बांध से हरियाणा के लिए छोड़े जाने वाली पानी की मात्रा को पहले ही 8500 क्यूसेक से कम करके 4 हजार क्यूसेक कर दिया था. अब वो अतिरिक्त पानी देने को किसी भी हालत में तैयार नहीं है. इसको लेकर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.

तीन राज्यों में बंटता है पानी

रावी, ब्यास और सतलुज से हर साल पंजाब को 35 अरब घन मीटर पानी मिलता है. इस पानी का पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बंटवारा होता है.
पंजाब को सिंचाई के लिए सबसे अधिक पानी की जरूरत है, जो लगभग 40 अरब घन मीटर से अधिक होती है. क्योंकि राज्य भूजल के दोहन ने जलस्तर को कम कर दिया है. इसी कारण पंजाब ने नहर के पानी से सिंचाई बढ़ा दिया और अन्य राज्यों को पानी देने से मना कर दिया. केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब 26.24 अरब घन मीटर भूजल का इस्तेमाल हर साल सिंचाई के लिए करता है. जबकि वार्षिक वाटर रिचार्ज 19.19 अरब घन मीटर है. नियमानुसार पंजाब वार्षिक 17.63 अरब घन मीटर भूजल ही इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन ये लगभग डेढ़ गुना अधिक हो रहा है. इसी कारण पंजाब में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है. इस संकट से निजात पाने के लिए पंजाब ने नहरों के पानी से सिंचाई को बढ़ा दिया है.

हर साल तय होता है पानी का बंटवारा

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी का बंटवारा करता है. ये बंटवारा 21 मई से अगले साल 20 मई तक लागू रहता है. पंजाब सरकार का कहना है कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी 31 मार्च तक इस्तेमाल कर चुका है. लेकिन वह अतिरिक्त पानी की मांग कर रहा है.

क्यों आ रही दिक्कत

भारत के पास पानी को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है, मानसून में जब नदियां उफान पर होती हैं, तो पानी पाकिस्तान चला जाता है. ऐसे में पाकिस्तान भी भारत पर अतिरिक्त पानी छोड़ने का आरोप लगाता है. हर साल, खास तौर पर रावी नदी से, काफी मात्रा में पानी बिना इस्तेमाल के पाकिस्तान चला जाता है. पंजाब की नदियों में 42.6 बीसीएम पानी में से राज्य सिर्फ 14.80 बीसीएम पानी का इस्तेमाल करता है. बचा हुआ पानी राजस्थान (लगभग 10.6 बीसीएम), हरियाणा और पाकिस्तान में जाता है. मानसून के मौसम में इन नदियों का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान को छोड़ दिया जाता है.

पंजाब इसलिए है परेशान

पंजाब में अत्यधिक दोहन से भूजल का स्तर तेजी से गिर रहा है. राज्य के 90 फीसदी ब्लॉक में भूजल का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार बीते पंजाब में भूजल का स्तर हर वर्ष 0.16 मीटर नीचे जा रहा है. इसी संकट से निपटने के लिए पंजाब की भगवंत मान सरकार ने प्रदेश में नहरों का जाल बिछाना शुरू किया. अब पंजाब में धान की रोपाई होनी है, इसके लिए ग्राउंड वाटर की जगह नहर से पानी देने की योजना बनायी गई है. इसीलिए पंजाब सरकार हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से मनाकर रहा है. नहरों से सिंचाई का पानी मिलने से इस मानसून में भूजल से कम पानी निकाला जाएगा. साथ ही मानसून में ग्राउंड वाटर भी रिचार्ज हो जाएगा.

पढ़ें प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी: बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सर्जिकल स्ट्राइक, कहां से करते हैं भारत में प्रवेश

पाकिस्तान के होंगे टुकड़े-टुकड़े, क्या है भारत की रणनीति

India Pakistan War: क्या है चीनी मिसाइल पीएल-15 का सच, भारत को कितनी चुनौती

राफेल मरीन विमान बढ़ाएंगे पाकिस्तान की टेंशन, जानें क्या है खास

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel