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IFS Vikram Misri Education: झारखंड के इस कॉलेज से पढ़े हैं IFS विक्रम मिश्री, आज संभाल रहे हैं विदेश सचिव की जिम्मेदारी

IFS Vikram Misri Education: IFS विक्रम मिश्री कौन हैं, उन्होंने कहां से पढ़ाई की और कैसे बने विदेश सचिव? जानिए झारखंड के इस कॉलेज से जुड़े उनके सफर की पूरी कहानी. विदेश सचिव की भूमिका, सैलरी और बनने की प्रक्रिया पर पूरी जानकारी. यहां पढ़ें उनका करियर, एजुकेशन और अनुभव से जुड़ी हर खास बात

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IFS Vikram Misri Education in Hindi: इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर जिस अधिकारी की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वो हैं भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री.  देश-विदेश से जुड़ी हर अहम जानकारी वो खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा कर रहे हैं.  लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इस जिम्मेदार पद पर बैठने वाले विक्रम मिश्री की पढ़ाई का एक हिस्सा झारखंड के जमशेदपुर से जुड़ा है. विक्रम मिश्री की पढ़ाई का एक हिस्सा झारखंड से भी जुड़ा है?

Vikram Misri IFS officer in Hindi: जमशेदपुर के XLRI से की थी MBA की पढ़ाई

विक्रम मिश्री का जन्म 1964 में श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में हुआ था.  उन्होंने स्कूल की पढ़ाई श्रीनगर, उधमपुर और ग्वालियर में की.  फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास विषय में ग्रेजुएशन किया.  इसके बाद उन्होंने झारखंड के जमशेदपुर स्थित 1987 में XLRI (Xavier Labour Relations Institute) से मैनेजमेंट की पढ़ाई (MBA) की. इस संस्थान से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने करीब तीन साल तक विज्ञापन एजेंसियों में काम भी किया. 

1989 में बने IFS, कई बड़े पदों पर काम किया

1989 में विक्रम मिश्री भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चुने गए. अपने करियर में उन्होंने ब्रसेल्स, वॉशिंगटन, इस्लामाबाद, ट्यूनिस और बीजिंग जैसे अहम देशों में भारतीय दूतावासों में काम किया. वह तीन प्रधानमंत्रियों, आई. के. गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव भी रह चुके हैं. 

2019 से 2021 तक वो चीन में भारत के राजदूत रहे और गलवान घाटी विवाद के समय भारत की तरफ से चीन से बातचीत करने वालों में एक प्रमुख चेहरा थे. 

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IFS Vikram Misri Education: विदेश सचिव के रूप में जिम्मेदारी

15 जुलाई 2024 को विक्रम मिश्री को भारत का 35वां विदेश सचिव नियुक्त किया गया. यह विदेश मंत्रालय की सबसे ऊंची पोस्ट होती है. विदेश सचिव की जिम्मेदारी होती है भारत की विदेश नीति को लागू करना, दूसरे देशों से रिश्ते संभालना और कूटनीतिक फैसलों में सलाह देना. 

विदेश सचिव को हर महीने 2 लाख रुपए या उससे ज्यादा वेतन मिलता है. इसके अलावा सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा, स्टाफ और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं. 

विदेश सचिव कैसे बनते हैं?

विदेश सचिव बनने के लिए सबसे पहले UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चुना जाना होता है. इसके बाद वर्षों तक विदेशों में विभिन्न दूतावासों, मंत्रालयों और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मिशनों में कार्य करने का अनुभव जरूरी होता है. 

एक IFS अधिकारी की सेवा गुणवत्ता, कूटनीतिक समझ, और नेतृत्व क्षमता के आधार पर उन्हें वरिष्ठ पदों पर पदोन्नत किया जाता है. विदेश सचिव की नियुक्ति भारत सरकार की कैबिनेट नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शामिल होते हैं. यह विदेश मंत्रालय का सर्वोच्च प्रशासनिक पद होता है. 

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