नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने अपने सभी उपक्रमों को 15 अक्टूबर तक ठेकेदारों और आपूर्तिकताओं का सारा बकाया निपटाने का शनिवार को निर्देश दिया. सरकार सार्वजनिक खर्च बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को छह साल के निचले स्तर से उबारने की कोशिश कर रही है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजीगत खर्च के कार्यक्रमों की समीक्षा की.
वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक कंपनियों को 15 अक्टूबर तक एक पोर्टल बनाने के लिये कहा गया है, जहां सेवा प्रदाता, आपूर्तिकर्ता और ठेकेदार अपने बिलों तथा भुगतान की स्थिति को देख सकेंगे. इसके साथ ही, सार्वजनिक उपक्रमों को आपूर्तिकर्ताओं व ठेकेदारों के साथ ऐसे कानूनी विवादों की समयावधि की जानकारी भी पोर्टल पर मुहैया कराने के लिये कहा गया है, जिनके कारण भुगतान रुका है. सार्वजनिक कंपनियों को अगली चार तिमाही में किये जाने वाले खर्च की योजना भी सौंपने को कहा गया है.
वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि 34 केंद्रीय उपक्रम पहले ही अगस्त तक 48,077 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं. केंद्रीय उपक्रम दिसंबर 2019 तक 50,159 करोड़ रुपये और चौथी तिमाही में 54,700 करोड़ रुपये खर्च करेंगे. व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा कि सभी 242 केंद्रीय उपक्रमों का पूंजीगत खर्च चार लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा.
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