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मानसून बाद फिर उत्पादन व आपूर्ति लक्ष्य हासिल करने में जुटी कोल इंडिया

कोलकाता : कोल इंडिया लिमिटेड अपने उत्पादन लक्ष्य को फिर से हासिल करने के लिए कमर कस रही है. पिछले सप्ताह मूसलाधार बारिश के कारण कोयला उत्पादन व आपूर्ति, दाेनों बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लेकिन अब कंपनी, बिजली क्षेत्र में कोयले की आपूर्ति को बनाये रखने के लिए उत्पादन और ऑफ-टेक लक्ष्य को प्राप्त […]

कोलकाता : कोल इंडिया लिमिटेड अपने उत्पादन लक्ष्य को फिर से हासिल करने के लिए कमर कस रही है. पिछले सप्ताह मूसलाधार बारिश के कारण कोयला उत्पादन व आपूर्ति, दाेनों बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लेकिन अब कंपनी, बिजली क्षेत्र में कोयले की आपूर्ति को बनाये रखने के लिए उत्पादन और ऑफ-टेक लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट गयी है.

कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष मानसून ने कंपनी के उत्पादन को विशेष रूप से सितंबर महीने में बुरी तरह से डुबो दिया, कंपनी के खदानों में पानी भर गया. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हम उत्पादन को बढ़ाने के प्रति आश्वस्त हैं और उम्मीद है कि महीने के अंत तक उत्पादन व आपूर्ति बढ़ायी जायेगी. बताया गया है कि पहले से ही अधिकारियों की एक टीम बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति पर बारीकी से नजर रख रही है.
30 सितंबर 2019 तक बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक लगभग 17.3 मिलियन टन था जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.3 मिलियन टन अधिक है. यह 11 दिनों के लिए पर्याप्त है. स्टॉक का क्रिटिकल स्तर रखने वाली बिजली उत्पादन यूनिटों की संख्या पिछले वर्ष की 22 इकाइयों की तुलना में कम होकर मात्र चार रह गयी हैं. पिछले सप्ताह हुई बारिश के कारण कोल इंडिया की सबसे अधिक कोयला उत्पादन करने वाली खदान गेवरा, दीपका और राजमहल में उत्पादन ठप हो गया था. यहां की ओपेन कास्ट खदानों में पानी भर गया था.
बताया गया है कि 29 सितंबर को मौसमी नदी लीलागढ़ का तटबंध टूट गया था, जिससे एसइसीएल की दीपका ओपेन कास्ट खदान की निचली बेंचों में बाढ़ आ गयी थी. यह 35 मिलियन टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता वाली सीआइएल की सबसे बड़ी ओसी खदानों में से एक है. हालांकि, एसइसीएल ने दीपका में दो अक्तूबर से सामान्य स्थिति में वापस आने के प्रयास में कोयला उत्पादन फिर से शुरू कर दिया है. दीपका ने आठ अक्तूबर को 23,000 टन कोयले का उत्पादन किया है और इसके धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है. एमजीआर के माध्यम से दीपका से सीपत तक कोयला डिस्पैच फिर से शुरू हो गया है और 5 व 6 अक्तूबर को कोयले की चार रेक की आपूर्ति की गयी है.

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