साहिबगंज
साहिबगंज परिसदन में प्रत्यायुक्त विधानसभा की दो सदस्यीय समिति ने जिले में संचालित विकास योजनाओं और सरकारी कार्यक्रमों की स्थिति की समीक्षा की. इसके बाद समिति के सभापति सह विधायक सरयू राय ने कहा कि साहिबगंज में जनमानस से जुड़ी नगर परिषद की योजनाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक है. गंगा नदी के समीप स्थित होने और गंगा एक्शन प्लान से जुड़े होने के बावजूद जलापूर्ति योजना, सीवरेज सिस्टम और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी मूलभूत योजनाएं बदहाल हैं. योजना शुरू हुए 17–18 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोगों को नियमित जलापूर्ति की सुविधा नहीं मिल सकी है, जबकि सीवरेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली भी आज तक प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पायी है. इसे उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार और संबंधित विभाग जनहित से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी तरह विफल है. सरयू राय ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह भी सामने आया कि साहिबगंज और आसपास के क्षेत्रों में फॉसिल्स की प्रचुरता है. मंडरो में फॉसिल्स पार्क विकसित किया जा रहा है, वहीं तीनपहाड़ और पाकुड़ क्षेत्र में भी फॉसिल्स मिलने की संभावना है. ऐसे में जियोलॉजिकल हेरिटेज के तहत फॉसिल्स संरक्षण के लिए अलग कानून बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने साहिबगंज में एक रिसर्च इंस्टीट्यूट स्थापित करने की भी आवश्यकता बतायी, जहां देश-विदेश से शोधकर्ता आकर अध्ययन कर सकें. उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, सेवा की गारंटी अधिनियम और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं जैसे मंईयां सम्मान योजना, वृद्ध एवं विधवा पेंशन का क्रियान्वयन संतोषजनक नहीं है. समिति अपनी रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करेगी. बैठक में जरमुंडी विधायक देवेंद्र कुंवर समेत अन्य सदस्य मौजूद थे. समिति ने कुल मिलाकर जिले में विकास कार्यों और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

