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Coal India Chairman in Dhanbad: कोल इंडिया के चेयरमैन बी साईराम गुरुवार को कुसुंडा एरिया के गैस प्रभावित गेस्ट हाउस परिसर पहुंचे. यहां गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए किये जा रहे नाइट्रोजन फ्लशिंग कार्य का निरीक्षण किया. इस दौरान बोरहोल में पाइप की मदद से ईवी क्वॉयल के जरिए लिक्विड नाइट्रोजन की फ्लशिंग की गयी.
डीसी पाणिग्रही ने एक्सपर्ट टीम के काम के बारे में बताया
चेयरमैन रांची से सड़क मार्ग से गुरुवार को अपराह्न करीब सवा तीन बजे कुसुंडा एरिया पहुंचे थे. उनके साथ बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल, निदेशक (एचआर) मुरली कृष्ण रमैया समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. निरीक्षण के दौरान पीएमआरसी लिमिटेड के प्रमुख प्रोफेसर डीसी पाणिग्रही ने चेयरमैन को गैस रिसाव रोकने के लिए गठित विशेषज्ञ वैज्ञानिक टीम द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी.
- सीआइएल चेयरमैन रांची से सड़क मार्ग से पहुंचे केंदुआ गैस प्रभावित स्थल
- राहत कैंप व मेडिकल सुविधा का किया निरीक्षण, दिये जरूरी दिशा निर्देश
- नाइट्रोजन फ्लशिंग सफल होने पर दूसरे इलाकों में भी किया जायेगा इस्तेमाल
खदानों में मीथेन गैस का होना सामान्य बात
कोल इंडिया चेयरमैन ने गेस्ट हाउस परिसर के विभिन्न स्थानों पर गैस रिसाव का मापन कराया और वर्तमान स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि खदानों में मीथेन गैस का होना सामान्य है. सतह पर आने के बाद उसका प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है. वर्षों पहले किये गये भूमिगत खनन के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. तकनीकी रूप से दक्ष वैज्ञानिकों की टीम लगातार इसे नियंत्रित करने में लगी है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत है नाइट्रोजन फ्लशिंग
उन्होंने कहा कि नाइट्रोजन फ्लशिंग गैस के प्रभाव को कम करने का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत तरीका है. यहां इसका प्रयोग किया जा रहा है. इसमें सफलता मिलने पर अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जायेगा. क्षेत्र में रह रहे लोगों की जान-माल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासनिक, आर्थिक, सामाजिक और वैज्ञानिक सभी स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं. केंद्र व राज्य सरकार से लगातार मार्गदर्शन मिल रहा है.
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Coal India Chairman in Dhanbad: लोगों की सुविधा व सुरक्षा को ध्यान में रख शिफ्टिंग पर होगा निर्णय
गैस का प्रभाव समाप्त होने में लगने वाले समय के संबंध में पूछे गये सवाल पर चेयरमैन ने कहा कि फिलहाल इस पर कुछ कहना संभव नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिक टीम निरंतर स्थिति का आकलन कर रही है. शिफ्टिंग के मुद्दे पर कहा कि आमजनों की सुविधा व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर सामाजिक सहमति के आधार पर निर्णय लिया जायेगा.
कोल इंडिया के चेयरमैन ने राहत कैंप, कंट्रोल रूम और मेडिकल कैंप का भी निरीक्षण किया
चेयरमैन ने केंदुआडीह दुर्गा मंदिर के पास बने राहत कैंप, कंट्रोल रूम और मेडिकल कैंप का भी निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने लोगों से कोई असुविधा या समस्या होने पर जिला प्रशासन या बीसीसीएल को तत्काल सूचना देने की अपील की. मौके पर पुटकी अंचलाधिकारी विकास आनंद, पीबी एरिया के जीएम जीके मेहता, एजीएम एन. राय, एपीएम अभिषेक राय, एरिया प्रशासनिक अधिकारी आशुतोष तिवारी, एरिया सेफ्टी ऑफिसर जीके सिंह सहित नाइट्रोजन फ्लशिंग कार्य की निगरानी कर रहे विभिन्न एजेंसियों के वैज्ञानिकों, अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे.
नाइट्रोजन फ्लसिंग स्थल पर की गयी थी बैरिकेडिंग
कोल इंडिया चेयरमैन बी साईराम के आगमन को लेकर सुबह से ही बीसीसीएल के अधिकारी अलर्ट मोड में थे. सीआइएसएफ जवानों को सुरक्षा में लगाया गया था. नाइट्रोजन फ्लशिंग स्थल के पास डेंजर जोन सावधान लिखा फीता लगाकर बैरिकेडिंग की गयी थी.
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