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रांची : बिजली कटौती से जीना हुआ मुहाल
दिनचर्या हो गयी है अस्त-व्यस्त, उद्योगों पर भी पड़ रहा है इसका असर रांची : राज्य भर में बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गयी है. उद्योगों पर भी इसका असर पड़ रहा है. राजधानी रांची समेत राज्य के सभी हिस्सों में आठ से 10 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 10 से […]
दिनचर्या हो गयी है अस्त-व्यस्त, उद्योगों पर भी पड़ रहा है इसका असर
रांची : राज्य भर में बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गयी है. उद्योगों पर भी इसका असर पड़ रहा है. राजधानी रांची समेत राज्य के सभी हिस्सों में आठ से 10 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 10 से 12 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है.
रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, लातेहार, गढ़वा, पलामू, चतरा समेत संताल परगना के इलाकों में लगातार लोड शेडिंग हो रही है. बुधवार को केवल जामताड़ा को फुल लोड बिजली दी गयी. अन्यथा सभी जिलों में मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिल पा रही है. राज्य भर में 220 मेगावाट के करीब बिजली की शेडिंग की जा रही है.
मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली बाधित
रांची समेत राज्य के सभी जिलों में इन दिनों आरएपीडीआरपी और ग्रामीण विद्युतीकरण का काम चल रहा है. यहां मेंटेनेंस व काम को लेकर अक्सर शटडाउन लिया जाता है. पर शटडाउन में समय का पालन कभी नहीं किया जाता है. निर्धारित समय से हमेशा एक या दो घंटे अधिक देर तक बिजली कटी रहती है. इसके बाद बिजली आती भी है तो शेडिंग से लोग परेशान रहते हैं.
हजारीबाग : 210 की जगह 110 मेगावाट बिजली ही आपूर्ति की जा रही है
हजारीबाग में 210 मेगावाट बिजली की जरूरत है, जबकि 110 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जिले में डीवीसी ग्रिड से झारखंड बिजली वितरण निगम को बिजली आपूर्ति होती है.
जिले में बिजली की मांग के अनुसार आधी आपूर्ति होने की स्थिति में लोड शेडिंग वर्षों से जारी है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी को पाटने के लिए आठ घंटे से अधिक समय तक लोड शेडिंग सुबह-शाम होती है. 11 दिसंबर को बरही व हजारीबाग डिवीजन में डीवीसी के द्वारा करीब ढाई घंटे की लोड शेडिंग की गयी.
पलामू : बिजली की लचर व्यवस्था से जीना दूभर
इन दिनों पलामू जिले में बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं है. विभागीय पदाधिकारी की मानें तो जरूरत के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है. हालांकि नेशनल ग्रिड से जुड़ने के बाद पलामू में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था सुधरी थी, लेकिन पिछले एक सप्ताह के दौरान व्यवस्था लचर हो गयी है. बताया जाता है कि पलामू में 45 मेगावाट बिजली की खपत है. लेकिन विभिन्न स्रोतों से सिर्फ 30 मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है. कई जगहों पर मेंटेनेंस का कार्य भी चल रहा है इस कारण भी कटौती की जा रही है, जिस कारण लोगों को परेशानी होती है.
गढवा : नौ से 10 घंटे तक हो रही है लोड शेडिंग
गढ़वा में बिजली की स्थिति इन दिनों चरमरा गयी है 24 घंटे में शहरी क्षेत्रों में मुश्किल से 10 से 15 घंटे ही बिजली मिल पा रही है़ जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 10 घंटे से भी कम बिजली मिल रही है़ यानी नौ से 10 घंटे की शेडिंग की जा रही है
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जिले को मुश्किल से प्रतिदिन 25 से 30 मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है़ जबकि यहां के गांवों में हाल ही में हुए विद्युतीकरण के बाद कम से कम 70 मेगावाट बिजली की जरूरत है़ गढ़वा जिले को बिजली की आपूर्ति बिहार के सोननगर एवं यूपी के रेहंद से होती है़ वहां से 25 या 30 मेगावाट में से जितनी भी बिजली की आपूर्ति हो, उसमें से 15 मेगावाट हमेशा रेलवे को आपूर्ति कर दी जाती है़ जो शेष बिजली बचती है, उसे ही गढ़वा जिले को आपूर्ति की जाती है़
चतरा : 62 मेगावाट की जगह मात्र 30 मेगावाट ही मिल पा रही है बिजली
चतरा जिले को 62 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, जबकि मात्र 30 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. वहीं, विद्युतीकरण के कारण दिन में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बाधित रहती है. शहर में भी बिजली काटी जा रही है. शहरी क्षेत्र में 12-13 घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में 10-12 घंटे बिजली मिल रही है.
यही वजह है कि प्रखंडों में टुकड़ों-टुकड़ों में बिजली आपूर्ति की जा रही है. जिले को कटकमसांडी व बरही पावर सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति की जाती है. जिले में जर्जर तार, पोल बदले जा रहे हैं, जिसके कारण कई घंटे बिजली बाधित रहती है.
लातेहार : विद्युतीकरण के कारण व्यवस्था चरमरायी
लातेहार जिला मुख्यालय में शहरी विद्युतीकरण योजना के कारण विद्युत व्यवस्था चरमरा गयी है. इन दिनों शहर में पुराने केबल को बदल कर नया केबल लगाया जा रहा है. इस कारण शहर में घंटों बिजली बाधित रह रही है. विद्युत कनीय अभियंता अंकित कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय को फुल लोड बिजली मिल रही है, लेकिन विद्युतीकरण को लेकर बिजली सेवा बाधित करनी पड़ रही है. वर्तमान में शहर में 12 से 14 घंटे बिजली मिल पा रही है.
कोडरमा : 14-16 घंटे ही बिजली मिल रही है
कोडरमा जिले के शहरी क्षेत्रों में इन दिनों 14 से 16 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 13 से 15 घंटे. हालांकि, विद्युत विभाग इससे ज्यादा समय तक आपूर्ति करने का दावा करता है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता सुबोध राय ने बताया कि कोडरमा को 60 मेगावाट बिजली की जरूरत है. डीवीसी के द्वारा 25 मेगावाट बिजली दिये जाने के कारण 60 मेगावाट बिजली मिल रही है.
सिमडेगा : ग्रामीण इलाकों में ठीक नहीं है स्थिति
सिमडेगा जिले के बीरू में विद्युत ग्रिड बन जाने के बाद शहरी इलाके में बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है. शहरी क्षेत्र में 20 से 22 घंटे तक विद्युत आपूर्ति की जा रही है. किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की स्थिति खराब है. विशेषकर कोलेबिरा, जलडेगा, कुरडेग, केरसई, ठेठईटांगर, बोलबा में 10 से 14 घंटे ही बिजली रहती है.
रामगढ़ : शहर में 21-22 घंटे लोगों को मिल रही है बिजली
हाल के दिनों में रामगढ़ में विद्युत आपूर्ति की स्थिति सुधरी है. डीवीसी द्वारा विद्युत आपूर्ति में कटौती का निर्णय वापस लेने के बाद जिले में आपूर्ति की स्थिति सामान्य है. रामगढ़ जिला डीवीसी कमांड क्षेत्र में आता है. रामगढ़ शहर में 21-22 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है.
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