Jharkhand Liquor Scam: जमशेदपुर-पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में 600-700 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है. इस शराब घोटाले में सरकार के मुखिया की भी अहम भूमिका है. अपने सचिव को फंसा कर वे खुद पाक-साफ रहना चाहते हैं, जो संभव प्रतीत नहीं होता है. एसीबी द्वारा सरकार के इशारे पर आईएएस विनय चौबे को जेल भेज कर सीबीआई और ईडी की कार्रवाई से बचाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने एग्रिको स्थित आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीबीआई से मांग की है कि इस मामले की जड़ तक पहुंच कर जांच होनी चाहिए.
सीबीआई-ईडी जांच से बचाने के लिए विनय चौबे को भेजा जेल-रघुवर
रघुवर दास ने कहा कि सीबीआई यह भी जांच करे कि 22 से 31 अगस्त 2022 तक मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री-विधायक किसके खर्च पर विशेष बस-जहाज में चढ़कर छत्तीसगढ़ गए थे. वहां जिस महंगे होटल में ठहरे थे, उसका भुगतान किसने किया. उन्होंने दावे के साथ कहा कि छत्तीसगढ़ के शराब माफिया, जिन्होंने झारखंड में अपनी शराब नीति लागू कराई, उन्होंने मुख्यमंत्री के कहने पर झारखंड सरकार के मंत्रियों, विधायकों के रायपुर टूर के खर्च का भुगतान किया. यह मामला पहले ही रायपुर में सीबीआई ने दर्ज कर छत्तीसगढ़ शराब कांड की जांच शुरू कर दी है. इसलिए तय है कि झारखंड भी इसकी चपेट में आएगा और जांच आगे बढ़ेगी. विनय चौबे को रांची की जेल में सभी सुविधाएं मिलती रहे, इसलिए सीबीआई-ईडी के हाथों जाने से सरकार ने बचाने का काम किया.
शिबू सोरेन ने शराब का आजीवन किया है विरोध-रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरे ने अपनी पूरी जिंदगी शराब और साहूकारों के विरोध में लगा दी, वहीं दूसरी ओर उनके बेटे झारखंड के गांव-गांव में शराब की दुकानों को खुलवाकर झारखंडी संस्कृति-विरासत को समाप्त करने की योजना बना रहे हैं. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उनकी युवा पीढ़ी शराब पीकर मदहोश रहे. इसलिए समय भी रात के 11 बजे तक दुकान खुलने का तय कर दिया है.
राजस्व में हुई थी वृद्धि-रघुवर दास
रघुवर ने कहा कि हेमंत सरकार ने स्वीकार किया है कि रघुवर सरकार के समय बनाई गई नियमावली वर्तमान सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की तुलना में ज्यादा राज्यहित-जनहित में थे. इसमें राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है कि रघुवर सरकार द्वारा 2018 में बनायी गयी नीति ही सर्वश्रेष्ठ रही है. इसलिए वर्तमान नियमावली के निर्माण में 2018 की नियमावाली को ही मुख्य आधार बनाया गया है. सरकार ने स्पष्ट माना है 2018 में इस नियमावली के लागू होने के बाद 2018-19 के 1082 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 2019-20 में राजस्व दोगुना होकर 2009 करोड़ रुपए हो गया था.
कैबिनेट बड़ी है या टीएसी-रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शराब नीति पर एक बार फिर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जब उन्होंने कैबिनेट में शराब नीति को पारित-स्वीकार कर दिया, तो वे फिर इसे टीएसी में लाकर लोगों में क्यों भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं. सरकार को यह बताना चाहिए कि कैबिनेट बड़ी है या टीएसी. वे सरकार से मांग करते हैं पहले तो गांव-देहात में शराब की दुकानें नहीं खुले, यदि खुलती भी हैं तो उनकी संख्या नगण्य होनी चाहिए. शराब बेचने से अच्छा है कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गांव में काम कर झारखंडियों को मजबूत करे. उन्हें खुशी है इस बात की अब झारखंडी जाग गए हैं. सरकार की शराब नीति का सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं.