निसार, जमशेदपुर : यह सर्वविदित है कि भारत में फुटबॉल काफी लोकप्रिय खेल है . लेकिन क्रिकेट के खेल में मिलती बेशुमार शोहरत और दौलत, फुटबॉल को कहीं न कही पीछे धकेल देती है. भारतीय फुटबॉल में पैसे की कमी इस खेल की लोकप्रियता को आगे न बढ़ा पाने में एक बड़ा कारण है. पैसे की कमी के कारण भारतीय फुटबॉल को जमीनी स्तर पर बेहतरीन कोच और बेहतरीन खिलाड़ियों की कमी का लगातार सामना करना पड़ता है.
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फुटबॉल खिलाड़ियों को जेएफसी का ‘फाइनेंशियल किक’
निसार, जमशेदपुर : यह सर्वविदित है कि भारत में फुटबॉल काफी लोकप्रिय खेल है . लेकिन क्रिकेट के खेल में मिलती बेशुमार शोहरत और दौलत, फुटबॉल को कहीं न कही पीछे धकेल देती है. भारतीय फुटबॉल में पैसे की कमी इस खेल की लोकप्रियता को आगे न बढ़ा पाने में एक बड़ा कारण है. पैसे […]
इस कारण भारतीय फुटबॉल का स्तर जस का तस बना हुआ है. ऐसे में आइएसएल टूर्नामेंट भारतीय फुटबॉल के लिए संजीवनी बना. पिछले पांच सीजन में लीग से कई दिग्गज खिलाड़ी (जिन्हें हम सिर्फ टीवी पर ही देखते थे) वे भारत आये और इस लीग का हिस्सा भी बने.
आइएसएल के आने से खिलाड़ियों पर धन की बारिश होने लगी. हमारी अपनी टीम जमशेदपुर फुटबॉल क्लब के आधा दर्जन खिलाड़ियों को आइएसएल-6 के सीजन के लिए करोड़ों रुपये दिये जा रहे हैं. इसमें गोलकीपर सुब्रतो पाल, डिफेंडर तिरी, मिडफील्डर मेमो, एटायर, पिटी, नोए कोस्टा व सर्जियो कैस्टल का नाम शामिल है.
इन सभी खिलाड़ियों को जेएफसी एक साल लिए करोड़ों में भुगतान कर रही है. रिजर्व खिलाड़ी जमशेदपुर के गौरव मुखी, विमल कुमार और अमृत गोप के पास भी सुनहरा मौका है. ये अगर अपना प्रदर्शन बेहतर करते हैं, तो सीनियर टीम में जगह मिल सकती है.
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