जमशेदपुर/घाटशिला.
झारखंड में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सरकारी शिक्षक इन दिनों गहरे असंतोष में हैं. 69 शिक्षकों की नाराजगी का कारण है कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए भले ही देश के सर्वोच्च शिक्षक सम्मान राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त लाभ अब तक नहीं मिला है. इन शिक्षकों को न तो सेवा विस्तार दिया गया है, न ही वेतन में कोई बढ़ोतरी की गयी है. इसी को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक पुरस्कार संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुशील मरांडी और उपाध्यक्ष किशोर कुमार प्रसाद ने हाल ही में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मुलाकात की. राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक किशोर प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2021 में तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन द्वारा ऐसे शिक्षकों को विस स्थापना दिवस पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया था. यह झारखंड के इतिहास में पहला अवसर था जब राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को राज्यस्तरीय सम्मान मिला था. यह भी कहा कि उस समय विस अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने शिक्षा सचिव को निर्देश दिया था कि ऐसे शिक्षकों को उपयुक्त लाभ दिए जाएं. बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. शिक्षकों की बात सुनने के बाद शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने शिक्षा सचिव से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस मौके पर पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी भी शिक्षकों के साथ उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है