बरोरा : बीसीसीएल कर्मी शंकर सिंह (53) का शव शुक्रवार की अलस्सुबह डुमरा राजा तालाब में तैरता मिला. मुराईडीह कॉलोनी निवासी शंकर बरोरा एरिया की फुलारीटांड़ कोलियरी की न्यू बेनीडीह भूमिगत खदान में ड्रिल मैन थे.
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लापता कोल कर्मी का शव तालाब में मिला
बरोरा : बीसीसीएल कर्मी शंकर सिंह (53) का शव शुक्रवार की अलस्सुबह डुमरा राजा तालाब में तैरता मिला. मुराईडीह कॉलोनी निवासी शंकर बरोरा एरिया की फुलारीटांड़ कोलियरी की न्यू बेनीडीह भूमिगत खदान में ड्रिल मैन थे. वह दो दिनों से लापता थे. बरोरा पुलिस ने शव तालाब से बाहर निकलवा उसे पोस्टमार्टम के लिए धनबाद […]
वह दो दिनों से लापता थे. बरोरा पुलिस ने शव तालाब से बाहर निकलवा उसे पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेजा है. इससे पहले आज सुबह जब ग्रामीण राजा तालाब पहुंचे, तो तालाब किनारे शव पानी में पड़ा देखा. सूचना स्थानीय मुखिया और बरोरा पुलिस को दी. मौके पर बरोरा थानेदार विनोद कुमार शर्मा, शैलेंद्र सिंह, मोहन महतो, महेंद्र चौहान, विनोद महतो, सुभाष यादव, चंदन मिश्रा, केदार मोदी पहुंचे.
ग्रामीणों की मदद से शव निकाला गया. शव मिलने की जानकारी होने पर शंकर के परिजन को वहां पहुंचे. पत्नी और बेटी शव से लिपट कर रोने लगीं. परिजनों ने बताया कि शंकर सिंह बुधवार की रात ड्यूटी के लिए निकले थे. वह न तो कोलियरी पहुंचे, न ही घर लौटे. मृतक ने दो विवाह किया था. दोनों पत्नियों से सात पुत्र व पुत्रियां हैं.
शंकर मूलत: बिहार के जमुई जिले के चकाई थाना अंतर्गत बसंतपुर गांव के रहनेवाले थे. उन्हें अपने पिता स्व. जीवलाल सिंह (माइनिंग सरदार) के बदले बीसीसीएल में नियोजन मिला था. पहली पत्नी की मृत्यु के बाद शंकर ने सोनी देवी से शादी की थी. वह चार बच्चों के साथ मुराइडीह कॉलोनी में रहते थे.
मौत को लकर बना संदेह
सोनी देवी ने बरोरा थाना में गुरुवार की रात अपने पति शंकर सिंह की गुमशुदगी का सनहा दर्ज करवाया था. शिकायत में कहा था कि 26 दिसंबर को घर नहीं लौटने पर जब कोलियरी में पता किया, तो हाजिरी बाबू ने बताया कि शंकर की हाजिरी ही नहीं बनी है और न ही वह कोलियरी आये थे. शंकर का मोबाइल भी स्विच्ड ऑफ बता रहा था.
परिजनों के अनुसार, शंकर सिंह कर्ज में डूबा था. वह सूदखोरों के चंगुल में बुरी तरह फंसा था. इस कारण शराब का अत्यधिक सेवन करने लगा था. तालाब में शव मिलने की घटना को लोग संदेह की नजरों से देख रहे हैं. मृतक का मोबाइल और साइकिल अभी तक नहीं मिले हैं. नाक से खून आना भी संदेह को जन्म दे रहा है.
परिजनों का कहना है कि शंकर की किसी से दुश्मनी नहीं थी. कोल कर्मी की मौत पर बरोरा महाप्रबंधक चितरंजन कुमार, जेके झा, मनोज कुमार मोदी, मंगल हेंब्रम, संजय चौबे, लगनदेव यादव, देवानंद राजभर, संतोष गोराईं, दयाल महतो, रविकांत गुप्ता, रतन चौहान आदि ने शोक व्यक्त किया. मजदूर नेताओं ने मृतक के आश्रित को नियोजन और मुआवजा देने की मांग की है.
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