संवाददाता, पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर गुरुवार को लिखा है कि हमारी सरकार ने जो आपके लिए काम किये हैं, उसे याद रखिये. आगे भी हमलोग ही काम करेंगे. हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं. राज्य में वर्ष 2018 में पांच घंटे में राज्य के किसी भी कोने से पटना पहुंचने का नया लक्ष्य रखा गया, वह पूरा हो चुका है. इसे और घटाने के लिए राज्य में नये एक्सप्रेस-वे, नये पुल, बाइपास, एलिवेटेड रोड और आरओबी के निर्माण पर तेजी से काम किया जा रहा है. वर्ष 2005 से पहले राज्य में बहुत कम सड़कें थीं और जो सड़कें थीं उनका खराब हाल था. सड़कों के मेंटेनेंस के नाम पर खूब भ्रष्टाचार होता था. अलकतरा घोटाला भी उसी वक्त हुआ था. वर्ष 2005 से पहले गंगा नदी पर मात्र चार पुल, कोसी नदी पर दो पुल, गंडक नदी पर चार पुल व सोन पर दो पुल थे, जो 1990 के काफी पहले बने थे. वर्ष 2005 से पहले पूरे राज्य में मात्र 11 रेल ओवरब्रिज (आरओबी) थे, जिसके चलते कई जगहों पर घंटों जाम की स्थिति होती थी. 2005 से पहले बिहार की पहचान थीं जर्जर सड़कें मुख्यमंत्री ने लिखा है कि वर्ष 2005 से पहले का वो दिन आप सब को याद होगा जब जर्जर सड़कें बिहार की पहचान बन गयीं थीं. थोड़ी दूरी का सफर तय करने में भी लोगों को घंटों लग जाते थे. सड़क में गड्ढा था या गड्ढे में सड़क, यह तय कर पाना मुश्किल था. किसी गांव में यदि किसी व्यक्ति की तबीयत खराब हो जाती थी, तो इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचने से पहले कई लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते थे. सत्ता वाले लोग अपराध को देते थे संरक्षण नीतीश कुमार ने अपने बारे में लिखा है कि उस वक्त मैं तत्कालीन केंद्र सरकार में मंत्री था. जब भी बिहार आता था और अपने क्षेत्र में जनता से मिलने जाता था तो सड़कों के अभाव में कई किलोमीटर तक पैदल ही चलना पड़ता था. ऐसा भी सुनने में आता है कि पहले जिन लोगों के हाथ में राज्य की सत्ता थी, वे कहते थे कि राज्य में अच्छी सड़कें बन जायेंगी, तो पुलिस जल्दी गांवों में पहुंच जायेगी और अपराधी पकड़े जायेंगे. इसका मतलब ये कि वे खुद भी अपराध को संरक्षण देते थे. 2005 के बाद बनीं नयी सड़कें एक्स हैंडल पर सीएम ने लिखा है कि 24 नवंबर, 2005 को राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद प्राथमिकता के आधार पर नयी सड़कों का निर्माण कराया गया. सड़कों के रखरखाव के लिए एक विशिष्ट दीर्घकालीन अनुरक्षण नीति लागू की गयी. राज्य में लगभग 20 नये बड़े पुल बनाये गये. गंगा नदी पर भोजपुर में वीर कुंवर सिंह सेतु, पटना में जेपी सेतु, मुंगेर में श्रीकृष्ण सिंह सेतु, पटना से राघोपुर दियारा को जोड़ने वाली कच्ची दरगाह-राघोपुर सिक्स लेन पुल व औंटा-सिमरियाधाम पुल का निर्माण हुआ. साथ ही बक्सर स्थित गंगा नदी पर वीर कुंवर सिंह पुल पर अतिरिक्त दो लेन का निर्माण कराया गया. गंगा नदी पर 10 नये पुलों का निर्माण जारी है. छह हजार से अधिक बन चुके हैं पुल-पुलिया सीएम लिखा है कि राज्य की छोटी नदियों और नहरों पर पुल-पुलियों के निर्माण के लिए वर्ष 2007-08 में मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना की शुरू हुई. इसके तहत अब तक छह हजार से अधिक पुल-पुलियों का निर्माण कराया जा चुका है. इस योजना के तहत 2024 के बाद 649 नये पुल के निर्माण की स्वीकृत दी गयी है. कई पुराने पुलों को फोरलेन से सिक्सलेन बनाया जा रहा है. अब राज्य में रेल ओवरब्रिज की संख्या 11 से बढ़कर 87 हो गयी है. 40 से अधिक नये रेल ओवरब्रिज बनाये जा रहे हैं. राज्य में यातायात को सुगम बनाने के लिए कई बाइपास सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है. साथ ही टोलों और बसावटों को संपर्कता के लिए राज्य निधि से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना लागू की गयी है.
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