पटना / जहानाबाद : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी कार्यकर्ता शरजील इमाम को मंगलवार को बिहार के जहानाबाद जिले से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शरजील कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बाद से फरार था. शरजील को यहां एक अदालत में पेश किया गया जिसने उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र शरजील की उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और दिल्ली समेत अनेक राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी. जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनीष कुमार ने कहा कि कोको पुलिस थाना क्षेत्र से गिरफ्तार इमाम को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर के रजक की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 36 घंटे के लिए ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस इमाम को अपने साथ ले गयी है.
एसपी ने कहा, ‘‘शरजील इमाम को दोपहर को उसके पैृतक निवास से गिरफ्तार किया गया. इमाम के छोटे भाई मुज्जमिल को पुलिस द्वारा पकड़ने और पूछताछ के कुछ घंटों बाद यह गिरफ्तारी हुई.” अधिकारी ने और जानकारी देने से इन्कार किया. हालांकि, अपुष्ट सूत्रों ने कहा कि इमाम अपने पैतृक जिले में पिछली रात आया था और एक करीबी रिश्तेदार की सलाह पर एक मस्जिद में छिपा हुआ था पुलिस ने रविवार को उसके पैतृक घर पर भी छापे मारे थे, लेकिन इमाम नहीं मिला था.
आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस में स्नातक इमाम जेएनयू के इतिहास अध्ययन केंद्र से पीएचडी करने के लिए दिल्ली चला गया था. सोशल मीडिया पर उसके कथित भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद उस पर मामला दर्ज किया गया था. कथित वीडियो में उसे असम और पूर्वोत्तर को शेष भारत से काटने की बात करते सुना गया था. उसे वीडियो में कहते सुना गया, ‘‘अगर पांच लाख लोग संगठित हो जाएं तो हम पूर्वोत्तर और भारत को स्थाई तौर पर काट सकते हैं. अगर ऐसा नहीं तो कम से कम एक महीने या आधे महीने के लिए ही सही. रेल पटरियों और सड़कों पर इतना मवाद डाल दो कि वायु सेना को इसे साफ करने में एक महीना लग जाए.”
शरजील वीडियो में कह रहा है, ‘‘असम को (शेष भारत से) काटना हमारी जिम्मेदारी है, तभी वे (सरकार) हमारी बात सुनेंगे. हम असम में मुसलमानों की स्थिति जानते हैं. उन्हें डिटेंशन कैंपों में रखा जा रहा है.” इस बीच इमाम की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन कोई देश के टुकड़े करने की बात नहीं कर सकता. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस को इमाम को गिरफ्तार करने में कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए और अब अदालतें उचित कार्रवाई करेगी.